गया में बहने वाली फल्गु नदी माता सीता से श्रापित है इसी कारण इसे अंत: सलिला कहा जाता है और फल्गु नदी की जल धारा अंदर ही अंदर प्रवाहित होती है।
बरसात के दिनों में भी फल्गु में पानी का जमाव नहीं होता है। इसका कारण माता-सीता का श्राप ही माना जाता है। गया जिले में मोक्ष नगरी विष्णु धाम के तट से बहने वाली फल्गु नदी में पानी कभी जमा नहीं होता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग में पिता राजा दशरथ की मृत्यु के बाद उनका पिंडदान करने के लिए भगवान राम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ गया धाम को पहुंचे थे। इस बीच अजीब संयोग हुआ कि भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ कुछ सामग्री लाने के लिए वहां से प्रस्थान किया।
धार्मिक कथाओं के अनुसार, इसी बीच आकाशवाणी हुई और कहा गया कि पिंडदान का समय निकला जा रहा है। ऐसी आकाशवाणी के बाद माता सीता ने अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान किया। इसका साक्षी पंडित, गाय, कौवा और फल्गु नदी को बनाया।
इन चारों से झूठ नहीं बोलने की सीता ने शपथ भी ली। इस बीच जब भगवान राम और लक्ष्मण लौटे तो भगवान राम ने पिंडदान के विषय में पूछा तब माता सीता ने पूरी बात बताई और साथ ही पिंडदान के साक्षी पंडित, गाय, कौवा, और फल्गु नदी को गवाह बताया।
राम ने जब इन चारों से पिंडदान हुआ या नहीं, इस बारे में पूछा तो फल्गु नदी ने झूठ बोल दिया कि माता सीता ने कोई पिंडदान नहीं किया। ये सुनकर माता सीता ने झूठ बोलने को लेकर फल्गु नदी को श्रापित कर दिया। तब से फल्गु नदी अंतः सलिला है। इसके बाद से ही फल्गु नदी जमीन के नीचे बहती है।
अतः सलिला फल्गु नदी में पानी लाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा फल्गु नदी में रबड़ डैम का निर्माण कराया जा रहा है, जिसके कारण इस फल्गु नदी में सालों भर कम से कम 3 फुट तक पानी रहेगा। इस योजना में गंगा जी का पानी मोकामा से गया लाया जा रहा है साथ ही फल्गु नदी में गंदा पानी ना जाए इसका भी पूरा ख्याल रखा गया है। फल्गु नदी में रबर डैम इसी वर्ष कुछ महीने में पूरा हो जाएगा।