गंदे पानी से ऊर्जा, आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं की नई खोज

ऐसे समय में जब अपशिष्ट जल निपटान एक बड़ी समस्या है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (IIT) के शोधकर्ताओं ने एक माइक्रोबियल ईंधन सेल नामक एक उपकरण की खोज की है जो ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए बायोइलेक्ट्रोकेमिकल्स से पानी को शुद्ध कर सकता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि अपशिष्ट निपटान समस्या के अलावा, यह ऊर्जा हरित ऊर्जा होगी क्योंकि यह नवीकरणीय होगी और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएगी।

जैसे-जैसे दुनिया की आबादी बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऊर्जा की मांग भी बढ़ती जा रही है। ऊर्जा की बढ़ती मांग पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकती है। इस मामले में अधिक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करना आवश्यक है।

संस्थान के प्रमुख टीजी सीताराम ने कहा कि सूर्य, पानी, हवा और समुद्री लहरों के साथ अपशिष्ट जल के नीले ऊर्जा स्रोत भी एक विकल्प हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि नगर निगम के अपशिष्ट जल का उपयोग करके किफायती तरीके से ऊर्जा उत्पादन को संभव बनाने के लिए अनुसंधान किया गया है।

माइक्रोबियल ईंधन सेल एक इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्टर के रूप में कार्य करता है जो अपशिष्ट और जल ऊर्जा को अलग करके ऊर्जा प्राप्त करना संभव बनाता है। गन्ने को पानी के साथ प्रयोग कर उससे अधिक ऊर्जा प्राप्त करने का भी प्रयास किया जा रहा है।

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