चुनाव आयोग एक प्रयोग के तहत रिमोट वोटिंग की संभावना का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक, यात्रा करने वाले मतदाताओं के मुद्दों को देखने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
चुनाव पर्यवेक्षक ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद राजनीतिक दलों समेत सभी पक्षों से व्यापक चर्चा की जाएगी। चुनाव आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक प्रवासी कामगारों को मुश्किलों का सामना करने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे।
चुनाव आयोग ने देश भर में प्रवासी श्रमिक आबादी की मैपिंग शुरू करने की योजना बनाई है ताकि रिमोट वोटिंग शुरू करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा सके। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में चुनाव अधिकारी अनूप चंद्र पांडेय भी मौजूद थे। कुमार और पांडे ने 3 जून को चमोली जिले के दुम और कलगोथ गांवों के सबसे दूर के मतदान केंद्रों का दौरा किया।
चुनाव आयोग के अनुसार, दुमका और कलगोठ जैसे गांवों में लगभग 20-25% पंजीकृत मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करने में असमर्थ हैं क्योंकि वे अपनी नौकरी या शैक्षिक गतिविधियों के कारण ज्यादातर गांव और राज्य से बाहर रहते हैं।
चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग की संभावना पर विचार कर रहा है, जिससे लोग अपने कार्यस्थल से वोट कर सकें। सरकार के ई-लेबर पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करीब एक करोड़ प्रवासी कामगार पंजीकृत हैं। फिलहाल पोस्टल बैलेट वोटिंग सर्विस सिर्फ आर्मी गोअर्स जैसे वोटर्स के लिए है।