सुविधाएं बढ़ीं तो संस्थागत प्रसव की ओर बढ़ा लोगों का झुकाव 

-सदर अस्पताल में महीने में 500 से भी ज्यादा होता है संस्थागत प्रसव
-सदर अस्पताल के लेबर रूम में संस्थागत प्रसव को लेकर बेहतर सुविधा 

भागलपुर, 20 जून-

सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव कराने को लेकर बेहतर सुविधाएं मौजूद हैं। इसी का परिणाम है कि अब महिलाएं प्रसव को लेकर सरकारी अस्पतालों का रुख कर रही  हैं। भागलपुर सदर अस्पताल के लेबर रूम में भी हर तरह की सुविधा है। इसका पूरा लाभ लोग उठा रहे हैं।

एएनसी जांच से लेकर प्रसव तक के लिए लोग सदर अस्पताल का ही दरवाजा खटखटाते हैं। इसी का परिणाम है कि सिर्फ सदर अस्पताल में ही एक महीने में 500 से भी ज्यादा महिलाएं प्रसव कराने के लिए आती हैं। इसके बाद फॉलोअप  भी यहां पर बेहतर तरीके से किया जाता है। इस वजह से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है।


सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. राजू कहते हैं कि हर किसी को संस्थागत प्रसव की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। सदर अस्पताल में प्रसव को लेकर बहुत ही बेहतर व्यवस्था है। लेबर रूम और मातृत्व ऑपरेशन थिएटर में प्रसव कराने को लेकर बेहतर इंतजाम हैं। अस्पताल में हर वक्त डॉक्टर और नर्स की ड्यूटी लगी रहती है। अगर सिजेरियन की जरूरत पड़ती है तो उसे लेकर भी सभी तरह के इंतजाम हैं।

सरकार जब आमलोगों के लिए इतनी व्यवस्था कर रही है तो लोगों को भी उसका लाभ उठाना चाहिए। सदर अस्पताल में दवा से लेकर इलाज और ऑपरेशन तक की मुफ्त व्यवस्था है।


सदर अस्पताल में एक साथ कई प्रसव की सुविधाः

सदर अस्पताल के लेबर रूम में एक साथ कई प्रसव कराने की सुविधा है। हर तरह की आपात स्थिति से निपटने में यहां पर ड्यूटी में तैनात डॉक्टर सक्षम हैं। एक साथ कई प्रसव होने के बावजूद लेबर रूम में सभी प्रसूताओं का बेहतर तरीके से ध्यान रखा जाता है। किसी प्रसूता को कोई दिक्कत नहीं हो, इसका बेहतर तरीके से ध्यान रखा जाता है। इसका सकारात्मक परिणाम भी मिल रहा है। काफी संख्या में प्रसूता यहां प्रसव के लिए आती ही हैं, साथ में यहां की मान्यता भी लगातार बढ़ती जा रही है। 


प्रसव के लिए भर्ती होने के साथ ही रिकॉर्ड होने लगता है मेंटेनः सदर अस्पताल के लेबर रूम में प्रसव कराने के कई फायदे हैं। उनमें से एक है लेबर में भर्ती होने के साथ ही प्रसव कराने आने वाली महिला का सारा रिकॉर्ड मेंटेन होने लगता है। इसका फायदा यह होता है कि प्रसूता पर बेहतर तरीके से निगरानी हो पाती है। उसे कब किस चीज की जरूरत है, इसका बेहतर तरीके से ख्याल रखा जाता है। डॉक्टर लगातार विजिट करते हैं और लेबर रूम में मौजूद प्रसूता को छुट्टी मिलने तक उसका ख्याल रखती हैं।


महीने में लगभग 50 सिजेरियनः सदर अस्पताल में प्रसव कराने के लिए आने वाली महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि एक महीने में यहां पर लगभग 50 सिजेरियन भी हो जाता है। जब सीजन आता है तो एक महीने में सिजेरियन की संख्या इससे भी अधिक हो जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि जिले के लोगों को सदर अस्पताल की व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। तभी इतनी संख्या में लोग संस्थागत प्रसव के लिए यहां का रुख करते हैं।

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