SEZ के बाहर बिक्री छूट के साथ नए कानून की घोषणा

केंद्र सरकार ने आज एक प्रस्तावित मसौदा विधेयक का अनावरण किया जो विशेष आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाली इकाइयों को अपने उत्पादों को घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति देगा। उसके लिए SEZ इकाइयों को धारा 41 में किए गए प्रावधानों के अनुसार तैयार माल में प्रयुक्त कच्चे माल पर बकाया आयात शुल्क के भुगतान की व्यवस्था करनी होगी।

हालांकि नियमों की घोषणा बाद में की जाएगी। इन नियमों के सार्वजनिक होने के बाद ही इस मुद्दे पर और स्पष्टीकरण सामने आएगा। हालांकि सरकार की मंशा नई सेज योजना को देश के लिए और आकर्षक बनाने की है।

यह योजना विश्व व्यापार संगठन के सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इनमें से शुद्ध विदेशी मुद्रा के नियमों को हटा दिया गया है।

बिल का आशय सही अर्थों में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुनिश्चित करने और सभी प्रकार की इकाइयों को समय पर मंजूरी देने और समयबद्ध तरीके से नई इकाइयों की स्थापना की व्यवस्था करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का है।

साथ ही नई औद्योगिक इकाई स्थापित करने की सभी प्रक्रियाओं के लिए सिंगल फॉर्म फिलिंग और रिटर्न सिस्टम शुरू करने की मंशा भी इस प्रस्तावित ड्राफ्ट के माध्यम से व्यक्त की गई है।

एंटरप्राइज एंड सर्विस हब के विकास के लिए एक अलग ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। यह पोर्टल सिंगल विंडो क्लियरेंस का माध्यम होगा। इससे सभी स्वीकृतियां निर्धारित समय सीमा में प्राप्त करने की व्यवस्था की जाएगी।

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