संयुक्त राष्ट्र शहरी जनसंख्या रिपोर्ट में 2035 तक भारत की शहरी आबादी 675 मिलियन तक पहुंच जाएगी है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की शहरी आबादी 2035 तक काफी बढ़ जाएगी। एशिया की कुल जनसंख्या में से 40 करोड़ लोग शहरों में रहते हैं। 100 मिलियन लोगों में से अधिकांश चीनी शहरों में रहेंगे।
संयुक्त राष्ट्र शहरी जनसंख्या रिपोर्ट 2035 में कहा गया है कि कोरोना काल के बाद भी दुनिया का शहरीकरण बेरोकटोक जारी है। सिद्धांत यह था कि कोरोना काल के बाद शहरीकरण में गिरावट आएगी। हालांकि, शहरीकरण की प्रवृत्ति वही रहेगी। रिपोर्ट के मुताबिक 2035 तक चीन की आबादी में से 100 करोड़ से ज्यादा लोग शहरों में रह रहे होंगे। 25 करोड़ की शहरी आबादी के साथ भारत सूची में दूसरे स्थान पर होगा।
2035 तक, एशिया में शहरों में रहने वाले 400 मिलियन लोगों की सबसे बड़ी आबादी होगी। इनमें से 10 करोड़ अकेले दक्षिण एशिया के शहरों में रहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार जिस तरह 19वीं और 20वीं सदी में शहरीकरण एक महत्वपूर्ण कारक बन गया, उसी तरह 21वीं सदी में भी शहरीकरण एक प्रमुख कारक होगा।
21वीं सदी में शहरीकरण बढ़ता रहेगा। इसके अलावा, शहरी आबादी की जन्म दर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। दोनों की वजह से शहरों की आबादी बढ़ेगी।