हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को मिल रही है निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा 

 – पहल • इलाज के साथ आने-जाने का भी खर्चा बिहार सरकार ही करती वहन 

– सरकार की पहल और स्थानीय आरबीएसके टीम की तत्परता से जिले के 09 बच्चे हृदय रोग को दे चुके हैं मात  खगड़िया

– राज्य सरकार की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना जिले में हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आरबीएसके टीम द्वारा हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को चिह्नित कर उक्त योजना के तहत पूरी तरह निःशुल्क बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं । सरकार की पहल और स्थानीय आरबीएसके टीम की तत्परता का सकारात्मक परिणाम यह है कि समय पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ इलाज शुरू होने से उक्त बीमारी को पीड़ित बच्चे  मात भी दे रहे हैं।

हाल में जिले के 09 बच्चों ने बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा की बदौलत हृदय रोग को मात दे दी है। यह सबकुछ सरकार की मजबूत और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के बदौलत ही संभव हुआ। यहीं नहीं, सरकार द्वारा लाई गई उक्त योजना को सार्थक रूप देने के लिए जिले की आरबीएसके टीम पूरी तरह अग्रसर है जिससे पीड़ित बच्चों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराया जा रहा । जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो रहे और बच्चों को नई स्वस्थ जिंदगी जीने का अवसर मिल रहा है ।

जिले के नौ बच्चों ने हृदय रोग को दी मात और पूरी तरह हुआ स्वस्थ : आरबीएसके टीम के जिला कंसल्टेंट डाॅ प्रशांत कुमार ने बताया, समय पर इलाज शुरू होने से जिले के 09 बच्चे हृदय रोग को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों के बच्चे शामिल हैं । वहीं, उन्होंने बताया, जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात हमारी टीम लगातार ऐसे बच्चों को चिह्नित कर रही एवं चिह्नित होने के पश्चात आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ताकि बच्चों का समय पर इलाज शुरू हो सके और वह आसानी के साथ उक्त परेशानी से उबर कर पूरी तरह स्वस्थ हो सके।

हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की बीमारी से स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज जरूरी:  जिला कंसल्टेंट डाॅ प्रशांत कुमार ने बताया, हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। वहीं, उन्होंने बताया, जिन बच्चों के होठ कटे हैं, उसका 03 सप्ताह से 03 माह के अंदर, जिसके तालु में छेद (सुराग) है, उसका 06 से 18 माह एवं जिसके  पैर टेढ़े-मेढ़े हैं , उसका 02 सप्ताह से 02 माह के अंदर शत-प्रतिशत सफल इलाज संभव है।

इसलिए, जो उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं, उनके  अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर मुफ्त इलाज शुरू करा सकते हैं। वहीं, उन्होंने बताया, जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चे को साँस लेने में परेशानी होती है। हमेशा सर्दी-खांसी रहती है। चेहरे, हाथ, होंठ नीला पड़ने लगता है। जिसके कारण गंभीर होने पर बच्चों के दिल में छेद हो जाता है।

छोड़ चुके थे इलाज की उम्मीद, आरबीएसके टीम के सहयोग से मेरे बच्चों को मिली नई जिंदगी:  हृदय रोग को मात दे चुके खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड अंतर्गत पनसलवा गाँव निवासी प्रियंका कुमारी के पिता अनिल सिंह ने बताया, मैं तो अपनी  बच्ची के  समुचित और स्थाई इलाज की उम्मीद ही छोड़ चुका था ।  ना ही बाहर में इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसा था। किन्तु, इसी बीच जब आरबीएसके टीम द्वारा समुचित इलाज, वो भी पूरी तरह मुफ्त होने की जानकारी मिली तो पूरे परिवार में उम्मीद की नई किरण जग गई।

आरबीएसके टीम की देखरेख में मेरे बच्ची का पूरी तरह निःशुल्क समुचित इलाज हुआ और आज मेरी बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। इलाज के दौरान काफी अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। इसके लिए मैं स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सरकार का ताउम्र ऋणी रहूँगा। साथ ऐसी व्यवस्था के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार धन्यवाद के पात्र हैं।

SHARE