– जिले में 07 जुलाई से चल रहा है फाइलेरिया उन्मूलन अभियान, घर-घर जाकर खिलाई जा रही है दवा
-फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन जरूरी, सभी लोग बेहिचक खाएं दवा
लखीसराय-
जिले में 07 जुलाई से लगातार फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चल रहा है। जिसके तहत अबतक निर्धारित लक्ष्य के खिलाफ कुल 61 % योग्य लाभार्थियों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन कराया जा चुका है। जबकि, शत-प्रतिशत लाभार्थियों के दवाई सेवन करने के अभियान को तेज कर दिया गया है। हर हाल में शत-प्रतिशत लाभार्थियों को दवाई का सेवन सुनिश्चित कराने को लेकर स्वास्थ्य टीम एक-एक घर पहुँच रही है ।
साथ हीं एक-एक व्यक्ति को प्रेरित कर दवाई का सेवन कराने में जुटी है । ताकि एक भी योग्य लाभार्थी दवाई के सेवन से वंचित नहीं रहें और शत-प्रतिशत लाभार्थियों को दवाई का सेवन कराया जा सके। इसलिए, जो भी अबतक किसी भी कारण – वश दवाई का सेवन नहीं कर पाएं हैं, वह निश्चित तौर पर बेहिचक दवाई का सेवन करें। दोनों दवा फाइलेरिया से बचाव के लिए बेहद जरूरी और काफी कारगर है। दवाई के सेवन से किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है।
एमडीए अभियान का समापन आज , लक्ष्य पूरा नहीं होने पर चलेगा दिन दिवसीय माॅप-अप राउंड : सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, जिले में चल रहे एमडीए अभियान का गुरूवार को समापन हो जाएगा । अगर गुरुवार तक निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं हो सका तो तीन दिवसीय माॅप-अप राउंड चलाया जाएगा। जिसमे छूटे हुए लोगों को दवा खिलानी है ,ताकि हर हाल में निर्धारित लक्ष्य पूरा हो एवं अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके।
फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन बेहद जरूरी : वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन बेहद जरूरी है। इसलिए, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि जो भी व्यक्ति अबतक किसी भी कारण वश दवाई का सेवन नहीं कर पाए हैं तो वह निश्चित रूप से दवाई का सेवन करें।
वहीं, उन्होंने बताया, एमडीए अभियान तहत गृह भेंट की तर्ज पर आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को खुद के सामनेअल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवाएं खिला रहीं हैं। ताकि एक भी व्यक्ति दवाई खाने से वंचित नहीं रहे और अभियान सफल हो सके।
उन्होंने बताया, 2 से 5 साल तक के बच्चों को 100 मिलीग्राम की डीईसी एवं 400 मिलीग्राम की अल्बेंडाजोल की एक-एक गोली, 6 से 14 साल तक के किशोरों को डीईसी की दो एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन गोलियां एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलायी जानी है।
गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को नहीं खिलाई जा रही है दवा : अभियान के दौरान घर-घर जाकर लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवाएं पात्र व्यक्तियों को खिलाई जा रही हैं । उक्त दवा गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई जा रही है। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए जागरूक किया जा रहा है। ताकि उक्त अभियान का सफलतापूर्वक समापन एवं बीमारी पर रोकथाम संभव हो सके।
इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई के साथ-साथ एहतियात भी जरूरी है। इसलिए, अभियान के दौरान योग्य व्यक्तियों को दवाई तो खिलाई ही जा रही है। इसके अलावा इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को आवश्यक जानकारी भी दी जा रही । जैसे कि, घर के आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें एवं घरों में सोने से पहले मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही अन्य लोगों को दवा सेवन के प्रति जागरूक भी करें, ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी जड़ से समाप्त हो सके। इस बीमारी को पूरी तरह से मिटाने के लिए जागरूकता भी बेहद जरूरी है।
साइड इफेक्ट से घबराएं नहीं : दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक हो जाते हैं।
फाइलेरिया क्या है ?
फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है।
किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते।