पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुये भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि यह लोकतंत्र के ऊपर हमला है क्योंकि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। बंगाल की जनता बुलेट का जवाब ईवीएम मशीनों पर कमल का बटन दबाकर देगी। ममता दी अपनी हार से बौखला गई है जिसके कारण खोते अपने जनाधार को बचाने के लिए हिंसा पर उतारू हो चुकी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति पूरे देश में विश्वास की लहर चल रही है जिसे देखकर टीएमसी के कार्यकर्ताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि वो अपना वजूद बचाने के लिए क्या रास्ता अख्तियार करें। ममता नकारात्मक राजनीति की मुखिया हैं लेकिन बंगाल की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है।
श्री तिवारी ने कहा कि हर छोटी बड़ी घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले उन राजनीतिक दलों से मैं पूछना चाहता हूँ कि बंगाल में हो रही गुंडागर्दी और भारी हिंसा पर चुप्पी साध कर क्यों बैठे हुये है। पूरे देश में शांति पूर्वक चुनाव चल रहा है लेकिन क्या कारण है कि बंगाल में चाहे स्थानीय चुनाव हो और चाहे लोकसभा का चुनाव हो, लोकतंत्र के हर पर्व पर वहां भारी हिंसा क्यों होती है। आखिर कौन लोग हिंसा करने वाले है और उनके ऊपर राज्य सरकार कोई कार्यवाही क्यों नहीं करती है।
श्री तिवारी ने आरोप लगाया कि ममता दीदी अर्बन नक्सलियों के इशारे पर काम कर रही है इसलिए उन्हें राष्ट्रवादी लोग पंसद नहीं आते है। हिंदूवादी सोच रखने वाले लोगों को ममता बनर्जी खत्म कर देना चाहती है लेकिन इस बार 2014 से भी ज्यादा प्रचण्ड बहुमत के साथ राष्ट्रवादी विचारधारा दौबारा सत्ता में लौट रही है। ममता बनर्जी को खुद सोचना पड़ेगा कि उनकी सोच को बंगाल की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है इसलिए चुनाव के बाद उनका समूचा अंकगणित बिगड़ने वाला है।
श्री तिवारी ने कहा कि धर्म विशेष की राजनीति करने वाली ममता दी ने पश्चिमी बंगाल को विकास के मामले में कई राज्यों से पीछे कर दिया है। स्वार्थ परक राजनीति करना व सत्ता के लालच में डूबकर अपने अंहकार को सर्वोपरि मानने वाली ममता दी ने संविधान की मर्यादा व देश के लोकतंत्र को हानि पंहुचाई है। राज्य के अपने स्वतंत्र अधिकार होते है जिनका गलत फायदा उठाकर ममता दी ने केन्द्र की कई योजनाओं को भी राज्य में लागू होने से रोका है। बंगलादेशीयों व रोहिंग्या को शरण देकर उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली मुख्यमंत्री ने अपनी सीमाओं से बाहर निकलकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लिए भी अमार्यादित भाषा का प्रयोग बार बार किया है।