तरंग संवाददाता / नई दिल्ली
दिल्ली सरकार द्वारा उत्तरी दिल्ली नगर निगम का फंड रोक कर निगम को सुचारू रूप से नहीं चलने देने पर प्रतिक्रिया देते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री यह कर क्या रहे है ?
केन्द्र सरकार , दिल्ली की जनता के हितों को ध्यान में रखकर उनके जीवन को सुगम बनाने का हर मुमकिन प्रयास कर रही है और आम आदमी पार्टी अपने निजी राजनैतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए एक सोची समझी साचिश के तहत निगम का फंड रोककर उसे पंगु बनाने में लगी हुई है। क्या दिल्ली के लोगों की केजरीवाल सरकार को कोई परवाह नहीं है ?
निगम का फंड रोकने के कारण उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर और निगम के स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचरों के साथ साथ सफाईकर्मियों का वेतन देने में असमर्थ हो गया है। उत्तरी दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल और टीचरों व सफाईकर्मचारियों वेतन भत्ते को लेकर उनमें रोष है जिसके कारण क्षेत्र की जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मनोज तिवारी ने कहा कि क्या दिल्ली की ऐसी दुर्दशा करने के लिए दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में बिठाया था ? केजरीवाल सरकार को जनता ने अपार समर्थन दिया, इस विश्वास के साथ कि वो दिल्ली के विकास के लिए काम करेंगे लेकिन इसके उलट उन्होनें निगम का फंड रोककर दिल्ली के हितों के कामों को रोक दिया है।
पिछले साढे चार सालों में केजरीवाल सरकार ने साजिश के तहत भाजपा शासित निगमों को बदनाम करने के लिए हर वह कोशिश की जो एक मुख्यमंत्री के लिए अमर्यादित है। दिल्ली की सत्ता और व्यवस्था को बदलने के नाम पर प्रचण्ड बहुमत पाने वाले केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को ठगने का काम किया है। दिल्ली जवाब मांग रही है अपनी दुर्दशा पर की कैसे आपने दिल्ली को प्रदूषण में नम्बर एक बना दिया, कैसे आपने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुप्पी साध ली है,
क्यों वो धर्म विशेष को खुश करने के लिए हर काम करते हैं। केजरीवाल को जवाब देना होगा नहीं तो दिल्ली के लोग विधानसभा चुनाव में इसका उचित जवाब जरूर देगें।
मनोज तिवारी ने कहा कि निगम को फंड मुहैया कराना केजरीवाल सरकार की नैतिक व संवैधानिक जिम्मेदारी है जिसका निर्वहन ना करके केजरीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह दिल्ली की जनता के सबसे बड़े दुश्मन है। हम केजरीवाल से मांग करते हैं कि वह जल्द से जल्द निगम का बकाया 5282.2 करोड़ रूपये का फंड रिलीज करें ताकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के डॉक्टरों, स्कूलों में टीचरों और सफाईकर्मचारियों के वेतन भत्ते का भुगतान कर सके और निगम की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने की ओर बढ़ सके।