परिवार नियोजन के साधनों को आमलोगों तक पहुंचाने में निभाएं अपनी भूमिकाः सिविल सर्जन

-परिवार नियोजन के साधन शहरी क्षेत्र में पहुंचाने विषय पर कार्यशाला

-पीएसआई, इंडिया के कार्यक्रम द चैलेंज इनिसिएटिव के तहत हुई कार्यशाला 

भागलपुर, 24 अगस्त

परिवार नियोजन के साधनों को आमलोगों तक पहुंचाने का कार्यक्रम अभी चल रहा है। इसे और बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाना है। आमलोगों तक इसे पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। इसे और गति देने की आवश्यकता है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों और अन्य कर्मियों से मेरी यही अपील है कि प्रशिक्षण के दौरान जो भी नई बातें सामने आईं, उस पर बेहतर काम कर उससे आमलोगों को जोड़ने में अपनी भूमिका निभाएं।

उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बुधवार को पीएसआई, इंडिया की तरफ से आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों के गरीब तबके और वंचित लोगों तक परिवार नियोजन के साधन को पहुंचाना जरूरी है। आने वाले दिनों में पीएसआई द्वारा शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन कार्यक्रम को मजबूती देने के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा| कार्यशाला का आयोजन शहरी क्षेत्र में शहरी स्वास्थ्य और शहरी परिवार कल्याण के सुदृढीकरण के लिए पीएसआई, इंडिया के कार्यक्रम द चैलेंज इनिसिएटिव के तहत किया गया। 

परिवार नियोजन को लेकर होता रहे प्रशिक्षणः कार्यशाला के दौरान एसीएमओ डॉ. अंजना ने कहा कि कार्यशाला में मौजूद चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों एवं एनजीओ के प्रतिनिधियों से मेरी अपील है कि परिवार नियोजन को लेकर लगातार प्रशिक्षण देने का काम करते रहें। इसे आमलोगों तक पहुंचाने में एएनएम और आशा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए जब भी जरूरत पड़े, उनका उन्मुखीकरण करते रहें। उन्मुखीकरण के बाद एएनएम और आशा उसे आमलोगों तक पहुंचाएंगी। मैं सिविल सर्जन और डीपीएम से यह भी अपील करूंगी कि परिवार नियोजन को लेकर जो भी योजना बनी है, उस पर अमल करने के लिए आपलोग लगातार सहयोग करते रहें।

परिवार नियोजन के साधनों को पहुंचाने में पीएसआई करेगी सहयोगः मौके पर मौजूद डीपीएम मो. फैजान आलम अशर्फी ने कहा कि पीएसआई से सभी लोग वाकिफ हैं। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि शहरी क्षेत्र परिवार नियोजन के विभिन्न सूचकांकों में पिछड़ा हुआ है, उसे ठीक करना है। इसमें हमलोगों को पीएसआई की ओर से सहयोग मिलेगा।

मौके पर मौजूद शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों से यह कहना चाहता हूं कि इस कार्यशाला में जो भी प्रशिक्षण लिया, उसे आमलोगों तक पहुंचाएं। खासकर वैसे लोग, जो परिवार नियोजन की सामग्री लेने की योग्यता रखता है, वैसे लोगों तक उसे पहुंचाएं। पीएसआई हमलोगों के बीच एक कड़ी के तौर पर काम करेगी। जिला और आपलोगों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन स्थापित करेगी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका अहमः कार्यशाला में फॉग्सी का प्रतिनिधित्व कर रहीं डॉ. अंजू तुरियार (अभी बेगूसराय में एसीएमओ) ने कहा कि परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल को लेकर आमलोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इसमें चिकित्सकों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। एएनएम और आशा तो अपना काम कर रही हैं, लेकिन परिवार नियोजन के साधनों को आमलोगों तक पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जोड़ना होगा। अभी उन्हें लगता है कि हमारा अपना कार्यक्रम आईसीडीएस का है। यह तो स्वास्थ्य विभाग का है। उन्हें यह समझाना पड़ेगा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में उनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए वह भी बराबर की भागीदार हैं।

इससे पहले  कार्यशाला का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा, एसीएमओ डॉ. अंजना, डीआईओ डॉ. मनोज कुमार चौधरी, फॉग्सी की डॉ. अजू तुरियार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यशाला के सफल संचालन में पीएसआई के स्टेट एंप्लीमेंटेशन लीड मनीष सक्सेना, सीनियर एंप्लीमेंटेशन लीड विवेक मालवीय और सिटी एंप्लीमेंटेशन लीड नवीन राय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान केयर इंडिया के डीटीएल डॉ. निनकुश अग्रवाल, डब्ल्यूएचओ के डॉ. सोमाल्य घोष, यूनिसेफ के एसएमसी अमित कुमार और यूएनडीपी के संदीप कुमार भी मौजूद रहे।

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