यूक्रेन जब अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, उस समय एक ट्रेन पर रूसी हमले में 53 लोग मारे गए हैं। रूस का दावा है कि यह हमला हमारे द्वारा पूर्वी सीमा पर सैनिकों को ले जा रही ट्रेन पर किया गया था। इनमें से 53 की मौत हो चुकी है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके बलों ने एक सैन्य ट्रेन को निशाना बनाने के लिए इस्कंदर मिसाइल का इस्तेमाल किया। ट्रेन यूक्रेनी सैन्य बलों और उपकरणों को पूर्वी यूक्रेन ले जा रही थी। रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि हमने इस हमले में 200 से अधिक यूक्रेनियन सैनिकों को मार गिराया है।
रूस ने यूक्रेन के चैपलिन के रेलवे स्टेशन पर यह बड़ा हमला किया है। जिनेवा में मानवाधिकार कार्यकर्ता मिशेल बेचलेट ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन की सेना अकल्पनीय रूप से निराशाजनक स्थिति पैदा कर रही है। उन्होंने पुतिन से सशस्त्र हमले को रोकने का आह्वान किया।
पुतिन ने 1,37,000 सैनिकों की भर्ती का आदेश दिया। कई विशेषज्ञ इसे हताशा में लिया गया फैसला बताते हैं। रूस के पूर्व सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन सैनिकों की भर्ती से युद्ध का नतीजा नहीं बदलेगा। इससे यह बात सिद्ध होती है कि यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस द्वारा तैयार की गई 200,000 की सेना अब कम पड़ रही है।
इसके अलावा, आश्चर्य की बात यह है कि अमेरिका, जिसने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं और यूक्रेन को भारी वित्तीय सहायता प्रदान की है, ने अरबों डॉलर की लागत से रूस से विभिन्न उपकरण आयात करना जारी रखा है। जब अमेरिका पर उंगली उठाई गई तो उन्होंने कहा कि अगर हम इस आयात को रोक देते हैं तो अमेरिका को रूस से ज्यादा नुकसान होगा। जबकि अमेरिका भारत को रूस से तेल खरीदने से रोकने की कोशिश कर रहा है।