कांग्रेस में जारी तनाव के बीच पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद और तेलंगाना कांग्रेस के नेता एमए खान ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी आलाकमान को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा, पार्टी जनता को यह समझाने में पूरी तरह विफल रही है कि वह अपनी पुरानी स्थिति में लौट आएगी और एक बार फिर देश का नेतृत्व करेगी।
उन्होंने कहा, जब आप पार्टी अध्यक्ष के रूप में सक्रिय रूप से सेवा कर रहे थे, तो आपने पार्टी के भीतर परामर्श प्रक्रिया का ध्यानपूर्वक पालन किया। दशकों से पार्टी को अपना जीवन समर्पित करने वाले वरिष्ठ नेता मणि राय को आपने सर्वोच्च मूल्य दिया है। पार्टी अभी भी मजबूत है और देश की भलाई के लिए लड़ने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि वह छात्र जीवन से ही पार्टी से जुड़े थे।
खान ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि शीर्ष नेतृत्व पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा था। पार्टी अब उस प्रतिबद्धता के साथ काम नहीं कर रही है जिसके साथ पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राजीव काम करते थे। ऐसे में मेरे पास पार्टी से अलग होने के अलावा कोई चारा नहीं था।
इस्तीफा देने के बाद खान ने कहा, “मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया क्योंकि राहुल गांधी के पार्टी कमेटी के उपाध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद स्थिति बिगड़नी शुरू हो गई है।” उनकी अपनी एक अलग विचार प्रक्रिया है जो ब्लॉक स्तर से लेकर बूथ स्तर तक किसी भी सदस्य से मेल नहीं खाती।