आगरा
ताजमहल का नाम बदलने की कवायद शुरू हो गई है। ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने का मुद्दा आगरा नगर निगम में गरमा सकता है।
आगरा निगम में ताजगंज वार्ड 88 के भाजपा पार्षद शोभाराम ने ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही उन्होंने उन तथ्यों को भी प्रस्तुत किया जिनके आधार पर वे ताजमहल को तेजो महालय मानते हैं।
शोभाराम के अनुसार शाहजहाँ की बेगम मुमताज महल का मूल नाम अंजुम बानो था। ताजमहल के निर्माण से 22 साल पहले अंजुम बानो की मृत्यु हो गई थी। मुमताज महल उर्फ अंजुम बानो को बुरहानपुर में दफनाया गया था। ताजमहल के निर्माण के बाद उसमें फिर से उनका मकबरा बनाया गया था।
शोभाराम ने कहा, कमल के प्रतीक के अलावा ताजमहल के अंदर सभी चिन्ह उपलब्ध हैं जो साबित करते हैं कि ताजमहल पहले एक शिव मंदिर था। मुगल आक्रमणकारियों ने इसका रूप बदल दिया और इसका नाम ताजमहल रखा। यह राजा जय सिंह की संपत्ति थी और ऐसा कोई कब्रिस्तान नहीं है जिस पर महल बना हो।
गौरतलब है कि ताजमहल 1632 में बनकर तैयार हुआ था और आज 2022 में यानी 390 साल बाद इसका नाम बदलने की मांग की जा रही है। आगरा नगर निगम के मेयर नवीन जैन के अनुसार ताजमहल का नाम बदलने का अधिकार आगरा नगर निगम के पास है। हालांकि, प्रस्ताव सदन में पारित होने के बाद आगरा के लोगों की भावनाओं को जानने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।