भागलपुर जिले में 5 से शुरू होगा परिवार मिशन अभियान, 24 सितंबर तक चलेगा

 -अभियान के दौरान लोगों को परिवार नियोजन के प्रति किया जाएगा जागरूक

-महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की सेवा लोगों को कराई जाएगी उपलब्ध

भागलपुर- जिले में 05 से 24 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान चलेगा। अभियान को दो चरणों में चलाया जाएगा। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने भागलपुर सहित सभी जिलों के जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को पत्र जारी किया है।

सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने अभियान की सफलता को लेकर जिले के स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों को पत्र जारी कर इसकी तैयारी में जुट जाने के लिए कहा है। 

सोमवार से शुरू होगा दंपति संपर्क सप्ताहः सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि मिशन परिवार विकास अभियान के पहले चरण में 05 से 11 सितंबर तक जिले भर में दंपति संपर्क सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान ग्रामीण स्तर पर आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका दीदी, विकास मित्र योग्य दंपतियों से मिलकर उन्हें परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों को अपनाने के लिए जागरूक करेंगे। इसके साथ ही अभियान के दूसरे चरण में 12 से 24 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा।

इस दौरान जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ-साथ अस्थाई साधन के रूप में कॉपर-टी लगवाने और गर्भनिरोधक गोली और इंजेक्शन के साथ-साथ कंडोम भी लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। 

सारथी रथ के जरिये किया जाएगा प्रचार-प्रसारः सिविल सर्जन ने बताया कि 05 से 09 सितंबर पांच दिनों तक परिवार नियोजन के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से ई. रिक्शा (सारथी रथ) के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देश के अनुसार और स्थानीय स्तर पर तैयार रूट चार्ट के मुताबिक जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

ई. रिक्शा पर संबंधित क्षेत्र की आशा फैसिलिटेटर को प्रतिनियुक्त करते हुए उन्हें प्रचार-प्रसार का दायित्व सौंपा गया है, ताकि उनके द्वारा स्थानीय आशा कार्यकर्ता से समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ आम लोगों के द्वारा गर्भनिरोधक का अस्थाई उपाय जैसे गर्भनिरोधक गोली, कंडोम की मांग करने पर उन्हें उक्त स्थल पर ही उपलब्ध करायी  जा सके। इसके लिए संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा ई-रिक्शा पर कॉन्ट्रासेप्टिक डिस्प्ले ट्रे एवं कंडोम बॉक्स में सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी।

अस्थायी साधनों के इस्तेमाल करने से नहीं करें संकोचः सिविल सर्जन ने बताया कि अस्थायी साधनों के इस्तेमाल से परिवार नियोजन में मदद मिलती है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता । इसलिए अस्थायी साधनों के इस्तेमाल में किसी तरह का संकोच नहीं करें। कंडोम, कॉपर-टी, अंतरा का उपयोग कर परिवार नियोजन करें। महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पहला बच्चा 20 साल के बाद ही पैदा करें। साथ दी दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूर रखें। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। साथ ही बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है, जिससे वह भविष्य में होने वाली किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है।

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