नियमित टीकाकरण के शिविर में किशोरियों की हुई हीमोग्लोबिन जाँच 

– जाँच के पश्चात एनीमिया मुक्त समाज निर्माण को लेकर किया गया जागरूक, दी गई आवश्यक जानकारी – किशोरियों के बीच आयरण फोलिक एसिड टैबलेट का भी किया गया वितरण   

खगड़िया- 

शुक्रवार को  जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित आंगनबाड़ी  केंद्रों पर नियमित टीकाकरण (आर आई) शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकृत किया गया। यह टीकाकरण संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका और स्थानीय आशा कार्यकर्ता के सहयोग से संबंधित क्षेत्र की एएनएम द्वारा किया गया।

इस दौरान टीकाकरण के लिए आई गर्भवती महिलाओं को जरूरी सलाह दी गई और गर्भावस्था के दौरान खानपान, रहन-सहन, व्यक्तिगत  साफ-सफाई समेत बरती जाने वाली सतर्कता सहित आवश्यक जानकारी भी दी गई। साथ ही धातृ माताओं को बच्चों के स्वस्थ्य  और मजबूत शरीर निर्माण के लिए नियमित टीकाकरण कितना जरूरी है, नियमित टीकाकरण कराने से होने वाले फायदे समेत अन्य आवश्यक जानकारियाँ दी गई।

वहीं, कुछ शिविर स्थलों पर इस दौरान किशोरियों की हीमोग्लोबिन भी जाँच की गई ।  जाँच के बाद  आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया गया। साथ ही एनीमिया मुक्त समाज निर्माण को लेकर अन्य जरूरी  जानकारी भी दी गई । किशोरियों के बीच आयरण फोलिक एसिड टैबलेट का भी वितरण किया गया। वहीं, खगड़िया सदर प्रखंड के आवास बोर्ड परिसर में संचालित आंगनबाड़ी  केंद्र संख्या 131 पर एएनएम चंद्रा कुमारी द्वारा नियमित टीकाकरण के साथ-साथ किशोरियों की हीमोग्लोबिन भी जाँच की  गयी ।

इस मौके पर संबंधित क्षेत्र की आंगनबाड़ी  सेविका और आशा कार्यकर्ता के अलावा पिरामल फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रभात गौतम, डीपीएल प्रफूल्ल झा, गाँधी फेलो  की  राजिया उमर आदि मौजूद थे।

  गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी : जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवनंदन पासवान ने बताया, विभिन्न प्रकार की  गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण बेहद जरूरी है। इसलिए,  जिले की  तमाम गर्भवती महिलाओं से खुद का  और 0 से 02 आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों से अपील है कि  अपने बच्चों का निश्चित रूप से बे टीकाकरण कराएं। इससे ना केवल गंभीर बीमारी से बचाव होगा, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलेगा।  बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होगा।

वहीं, उन्होंने बताया, शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के अलावा जेएई (जापानी बुखार) का टीके लगाए जाते हैं। जबकि, गर्भवती महिलाओं को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारी से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है। 

 एनीमिया मुक्त समाज निर्माण को लेकर दी गई आवश्यक और जरूरी जानकारी : एएनएम चंद्रा कुमारी ने बताया, नियमित टीकाकरण के दौरान किशोरियों की हीमोग्लोबिन जाँच के साथ-साथ एनीमिया मुक्त समाज निर्माण को लेकर भी जागरूक किया गया। जिसके दौरान पहलीबार मासिक धर्म होने पर क्या करनी चाहिए, किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, व्यक्तिगत साफ-सफाई समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी दी गई। साथ ही गर्भवती और धातृ माताओं को को संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन के प्रति भी जागरूक किया गया।

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