आंगनवाड़ी केंद्रों में नामित शत प्रतिशत लाभार्थियों को मिले सभी योजना का लाभ: मदन सहनी

• सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के साथ की समीक्षा बैठक

• लाभार्थियों की सहूलियत के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के अपने भवन की जरुरत पर दिए गए निर्देश

 • सभी बच्चों की यूनिफार्म में केंद्र में उपस्थिति जरुरी 

पटना- 

समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने शुक्रवार को सभी जिलों के परियोजना पदाधिकारी और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के साथ अधिवेषण भवन में राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की। मंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्रों के सही संचालन के लिए बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ( सीडीपीओ ) को अपने परियोजना के पच्चीस प्रतिशत केंद्रों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। इसकी सतत निगरानी भी करने को कहा।

उन्होंने कहा कि सूचना मिल रही है की सीडीपीओ द्वारा केंद्रों के निरीक्षण में शिथिलता बरती जा रही है। इस तरह की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीडीपीओ अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें। विभाग की गाइडलाइन पर खरा उतरना जरुरी: मदन सहनी बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री, समाज कल्याण विभाग, श्री मदन सहनी ने कहा कि विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का कड़ाई से अनुसरण कर उसपर खरा उतरने की जरुरत है।

कुपोषण सिर्फ भोजन की कमी से नहीं अपितु अज्ञानता के कारण भी दिखाई पड़ता है| उन्होंने कहा कि केंद्र पर सभी बच्चों की उपस्थिति यूनिफार्म में सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सभी की है|लोकतांत्रिक व्यवस्था जनता के प्रति उत्तरदायी होने का मंत्र सिखाती है और इसके लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने की जरुरत है।

मंत्री महोदय ने कहा कि कुछ कारणों से विभाग की छवि जनमानस में अच्छी नहीं है जिसे बदलने की जरुरत है और इसके लिए सभी को प्रयास करने की जरुरत है|सभी की समान रूप से जिम्मेदारी: श्री मदन सहनी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र नहीं चलने की स्थिति के लिए सिर्फ सेविका ही दोषी नहीं होगी बल्कि महिला प्रवेक्षिका एवं सीडीपीओ की भी जवाबदेही तय की जाए। पोशाक मद में लाभुकों को राशि वितरित की जा रही है, लेकिन बच्चे पोशाक में नजर नहीं आ रहे हैं। यह गंभीर विषय है। इस पर ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है। 

मंत्री जी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कुछ केंद्रों की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को एक अभियान चला कर जरूरतमंद क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। ऐसी भी सूचना मिल रही है की कई जिलों में रिक्त परियोजनाओं का प्रभार बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को देने के बजाए प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया जा रहा है। वास्तुस्थिति का पता लगाने के लिए जिलावार समीक्षा की जाए। विभागीय पदाधिकारियों के जांच कार्य की प्रणाली में सुधार करने को कहा। 

इन कार्यक्रमों की हुयी समीक्षाबैठक में मंत्री ने जिलावार आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा निरीक्षण, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, पूरक पोषाहार योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, पोषण अभियान – 2, मनरेगा के अभिसरण से आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, किशोरी बालिका योजना और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के न्यायालय में लंबित मामलों की समीक्षा भी की।कार्यक्रम के दौरान श्री प्रेम सिंह मीना, सचिव, समाज कल्याण विभाग, श्री आलोक कुमार, निदेशक, समेकित बाल विकास परियोजना,  श्री शशांक शेखर सिन्हा, आप्त सचिव, श्री उत्कर्ष आर्य, सचिव, श्रीमती सीमा, उप सचिव, श्री सुमित कुमार, उप सचिव, श्री वीरेंद्र कुमार, विशेष पदाधिकारी एवं सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी उपस्थित थे.

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