विपक्ष के ‘एकजुट’ होने से पहले ही अपनी अपनी ढपली बजायी जाने लगी, पीएम के नाम पर कोई सहमति नहीं

-देश को कांग्रेस ही बचा सकती है: राहुल गांधी का विपक्ष को संदेश,
-पीएम की दौड़ में आगे होने के संकेत
-नीतीश के पीएम बनने के सपने को पलट देंगी ममता

विपक्ष के ‘एकजुट’ होने से पहले ही अपनी अपनी ढपली बजायी जाने लगी है। कांग्रेस ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘मोंगवारी वर्सेज हल्ला बॉल’ रैली कर केंद्र सरकार के खिलाफ हथियार उठाए हैं। हालांकि इस रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि देश को सिर्फ कांग्रेस ही बचा सकती है। राहुल ने विपक्ष को संकेत भी दिया है कि वह पीएम पद की दौड़ में आगे हैं।

उधर, तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष में पीएम पद के लिए नीतीश कुमार समेत अन्य दावेदारों के सपनों को चकनाचूर करते हुए अकेले जाने का संकेत दिया है। इन घटनाओं से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही विपक्ष की एकता को ठेस पहुंची है।

दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ ‘हल्लाबॉल रैली’ में कांग्रेस के लगभग सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कांग्रेस में जब 17 अक्टूबर को अध्यक्ष का चुनाव होना है तो पार्टी एक बार फिर राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग कर रही है।
इसी सिलसिले में कांग्रेस ‘हल्लाबोल’ रैली के जरिए राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव की भी तैयारी कर रही है। इस रैली में राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि नफरत और डर के मौजूदा माहौल में देश को सिर्फ कांग्रेस ही बचा सकती है।

राहुल गांधी का यह बयान विपक्ष को खासकर मोदी के खिलाफ 2024 में एकजुट करने की एनडीए की कोशिशों को झटका दे सकता है। विपक्ष लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी के जवाब में साथ आने की बात कर रहा है, लेकिन हर दल एक दूसरे का नेतृत्व मानने को तैयार नहीं है।

रैली में राहुल गांधी के बयान से साफ हो गया है कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को केंद्र पर हावी नहीं होने देगी। रैली में राहुल गांधी ने यूपीए सरकार की उपलब्धियों की तारीफ की। राजनीतिक विशेषज्ञों का यह भी मानना ​​है कि भले ही कांग्रेस वर्तमान में देश में केवल दो राज्यों तक ही सीमित है और पिछले आठ वर्षों में 90 से अधिक चुनाव हार चुकी है, लेकिन यह एक राष्ट्रीय पार्टी होने पर गर्व करती है और क्षेत्रीय दलों के प्रभुत्व को स्वीकार नहीं करेगी।

उधर, बिहार में नीतीश कुमार ने संकेत दिया है कि वह भी बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद पीएम पद की दौड़ में हैं। पटना में शनिवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें नीतीश कुमार के समर्थकों ने पूछा, “देश के प्रधानमंत्री कैसे हो”? उन्होंने “नीतीश कुमार जैसे हो” के नारे लगाए।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त देने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने ममता बनर्जी को पीएम पद का दावेदार बनाया है।

वहीं दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और दक्षिण में चंद्रशेखर राव भी पीएम पद के लिए होड़ में हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव भी विपक्ष को एकजुट करने के लिए इस समय दिल्ली, बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक का दौरा कर रहे हैं। चंद्रशेखर राव भी प्रधानमंत्री बनने के इच्छुक हैं।

इस तरह विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एकजुट होने का दावा कर रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री पद की दौड़ में एक के बाद एक नाम जुड़ने से विपक्ष की एकता चुनाव शुरू होने से पहले ही टूट गई है।

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