कालाजार उन्मूलन -बांका जिले  के पांच प्रखंडों के आठ गांवों में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव शुरू

 -जिले में कालाजार से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया अभियान-अमरपुर, बांका सदर, बौंसी, धोरैया और बाराहाट प्रखंड में चलेगा यह अभियान 

बांका, 5 सितंबर

 कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। इसे लेकर जिले में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव सोमवार से शुरू हो गया। छिड़काव का काम पांच सितंबर से 22 अक्टूबर तक किया जाएगा। जिले के पांच प्रखंडों के आठ गांवों में छिड़काव किया जाना है। इसे लेकर छिड़कावकर्मियों को ट्रेनिंग भी दी गई है। ट्रेनिंग के दौरान दौरान छिड़कावकर्मियों को बताया गया है कि गांव के सभी घरों में छिड़काव करना है। घरों की दीवारों की छह फुट की ऊंचाई तक सिंथेटिक पायराथाइराइड का छिड़काव करना है। पहले घर के सभी सामान को एक जगह रखकर छिड़काव का काम शुरू करना है। ट्रेनिंग के दौरान प्रभावित गांव के घरों के अलावा गोशाला, बथान इत्यादि जगहों पर छिड़काव करने के लिए भी कहा गया है। मालूम हो कि वर्ष 2022 के द्वितीय चरण (अगस्त-अक्तूबर) के तहत छिड़काव अभियान चलेगा। हर हाल में अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित कराने को लेकर निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रण) स्वास्थ्य सेवाएं, पटना डॉ. राकेश चंद्र सहाय वर्मा ने सभी जिले को पत्र भी लिखा है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि सिंथेटिक पायराथायराइड के छिड़काव का काम शुरू हो गया है। इस दौरान अमरपुर, बांका सदर, बौंसी, बाराहाट और धोरैया प्रखंडों के प्रभावित आठ गांवों को कवर किया जाएगा। कालाजार के कारण, लक्षण और बचाव की भी दी जाएगी जानकारी: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया, छिड़काव के दौरान एक भी घर छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसे लेकर छिड़काव टीम को भी आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा छिड़काव अभियान के दौरान सामुदायिक स्तर पर लोगों को कालाजार से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी। इस दौरान कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, ये भी लोगों को बताया जाएगा। सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है: वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया, कालाजार मरीजों की जांच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इस कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का  प्रावधान है।  साथ ही पॉजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।

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