गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भारत ने लगाया प20% टैक्स, चीन में हो सकता है खाद्यान्न संकट

गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी (Export Duty) लगाने का फैसला किया है। साथ ही घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए टूटे चावल के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

भारत के कुल चावल निर्यात में लगभग 60 फीसदी हिस्सेदारी टूटे चावल की है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है। ग्लोबल चावल व्यापार में इसकी 40 फीसदी हिस्सेदारी है। भारत 150 से अधिक देशों को चावल का निर्यात करता है।

चीन कृषि सूचना नेटवर्क के प्रकाशित एक आर्टिकल के अनुसार, चीन भारतीय टूटे चावल का सबसे बड़ा खरीदार है। चीन ने 2021 में भारत से 1.1 मिलियन टन (11 लाख टन) टूटे हुए चावल का आयात किया था। 2021 में भारत का कुल 21.5 मिलियन टन चावल का निर्यात किया था। एक्सपोर्ट का ये आंकड़ा, दुनिया के शीर्ष चार निर्यातकों थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुल निर्यात से अधिक है।

टूटे चावल के निर्यात पर भारत के लगाए प्रतिबंध की वजह से वैश्विक बाजार में चावल की कीमतें बढ़ सकती हैं।

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