-हार्ट की बीमारी थी, ऑपरेशन के लिए पैसे का नहीं हो रहा था इंतजाम
-आयुष्मान कार्ड बनने के बाद पटना में अस्पताल में हुआ इलाज
बांका, 20 सितंबर
बौंसी के माधोपुर गांव के रहने वाले नंदकिशोर मांझी को एक साल पहले हृदय (हार्ट) की समस्या हुई। पहले तो स्थानीय स्तर पर इलाज करवाया, लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ। परेशानी कम नहीं हुई। इस वजह से घर के सदस्य भी परेशान रहने लगे।
स्थानीय स्तर पर जिस डॉक्टर को दिखाया था, उन्होंने ऑपरेशन की बात बताई थी। ऑपरेशन कराने में काफी पैसे लगते। परिवार की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। नंदकिशोर मांझी बौंसी में ही प्राइवेट काम कर गुजारा करते हैं। इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। एक दिन आशा कार्यकर्ता ने आयुष्मान योजना के बारे में बताया और कार्ड बनवाकर दिया। इसके बाद पटना में जाकर इलाज करवाया। अब वह स्वस्थ हैं।
नंदकिशोर मांझी बताते हैं कि मुझे आशा कार्यकर्ता से आयुष्मान योजना के बारे में पता चला। उन्होंने ही मेरा आयुष्मान कार्ड भी बनवाया। इसके बाद पटना के कंकड़बाग स्थित एक अस्पताल में हार्ट की सर्जरी हुई। अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। आयुष्मान कार्ड ने एक तरह से मुझे नया जीवन दिया है। नंदकिशोर कहते हैं कि मैं तो नाउम्मीद हो गया था, लेकिन सरकार की इस योजना ने मुझे नया जीवन दिया। अब मैं ठीक हूं और मुझे लगता है कि जिसका कोई नहीं होता है, उसका सरकार होता है। मैं सरकार को इसके लिए तहे दिल से शुक्रिया भी अदा करता हूं।
नामी-गिरामी अस्पतालों में होता है इलाजः आयुष्मान योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पवन कुमार कहते हैं कि आयुष्मान कार्ड के जरिये जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में तो मरीजों का इलाज होता ही है। साथ ही भागलपुर के 15 निजी और मायागंज अस्पताल में भी इस कार्ड से मरीजों का इलाज होता है। इसके अलावा देश के सैकड़ों नामी-गिरामी अस्पतालों में भी आय़ुष्मान कार्डधारकों का इलाज किया जाता है। इसलिए जिनलोगों का अभी कार्ड नहीं बना है, वे अपने नजदीकी सीएचसी में जाकर कार्ड बनवा लें। विपरीत परिस्थिति में यह काम आ सकता है।
पांच लाख रुपये तक का मिलता है मुफ्त इलाजः आयुष्मान योजना के तहत कार्डधारक पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ किसी भी उम्र के लोग ले सकते हैं। इस योजना का लाभ अभी जिले के हजारों लोग ले रहे हैं। जिनलोगों के पास पीएम लेटर आया है, उनका बहुत ही आसानी से कार्ड बन जा रहा है। साथ ही जिनलोगों को पीएम लेटर नहीं भी आया है, और वे योजना के योग्य हैं तो उनका भी कार्ड बनने में कोई परेशानी नहीं होगी।
इसके लिए आपके पास 2014 के पहले का राशन कार्ड होना जरूरी है। साथ में अपना आधार कार्ड लेकर अपने नजदीकी सीएचसी (कॉमन सर्विस सेंटर) में जाएं। वहां पर अपना राशन कार्ड दिखाएं। अगर आप इस योजना के योग्य होंगे तो तत्काल आपका आयुष्मान कार्ड बन जाएगा। जिसके बाद आप गंभीर तौर पर बीमार पड़ने पर पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में करवा सकते हैं। कार्ड बन जाने के बाद बीमार होने पर इस योजना से सूचीबद्ध अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति में आयुष्मान कार्ड दिखाएं और मुफ्त में इलाज करवाएं।