मॉरल पुलिसिंग के नाम पर एक 22 वर्षीय युवती की मौत से ईरान की अपने देश में जबर्दस्त आलोचना हो रही है। वहीं अब इस मुद्दे पर पूरी दुनिया में उसकी किरकिरी भी हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने इस मामले में जांच की बात कही है।
इसके अलावा अमरीका और इटली ने भी इस मामले को लेकर ईरान की आलोचना की है। साथ ही, ईरान में एक और फुटबॉल प्रेमी महिला की शहादत की यादें भी ताजा हो गई हैं, जब उसकी मौत के बाद ईरान सरकार को झुकना पड़ा था।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ईरान में हाल के महीनों में मॉरल पुलिसिंग की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। इसके तहत हिजाब न पहनने के लिए महिलाओं को टारगेट किए जाने के मामले सामने आए हैं।
बयान में कहा गया है कि कई वेरिफाईड वीडियोज में हिजाब न पहनने पर महिलाओं को चेहरे पर थप्पड़ मारा जा रहा है। इसके अलावा ढीला हिजाब पहनने पर उन्हें पुलिस की गाड़ी में ठूंस दिया जा रहा है।
अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि अमीनी को आज जिंदा होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अमरीका और ईरान के लोग आज उनकी मौत पर अफसोस जता रहे हैं। हम ईरान सरकार से कहेंगे कि वह महिलाओं के इस उत्पीड़न को बंद करे