भारत ने अल्पसंख्यक और कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को लताडा

भारत ने अल्पसंख्यक और कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ अपने ‘जवाब के अधिकार’ का प्रयोग करते हुए भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान के झूठ को दुनिया के सामने उजागर कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र में उठाए गए झूठे मुद्दों का पर्दाफाश करते हुए भारत के प्रतिनिधि ने कहा जिस देश में अल्पसंख्यक खत्म होने की कगार पर हों, जहाँ उनकी लड़कियों को अगवा कर उनसे शादी करना एक सामान्य प्रक्रिया बना दिया गया हो, वो देश अगर भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात ही न करे तो बेहतर है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की बहस के 77 वें सत्र में भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने भारत पर झूठे आरोप लगाने से पहले पाकिस्तान को आत्मनिरीक्षण करने की याद दिलाई।

भारतीय राजनयिक ने जोर दिया कि जम्मू और कश्मीर पर दावा करने के बजाय, इस्लामाबाद को “सीमा पार आतंकवाद” को रोकना चाहिए। विनिटो ने यह भी कहा, “जब अल्पसंख्यक समुदाय की हजारों युवतियों का अपहरण एसओपी (Standard Operating Procedure) के रूप में किया जाता है, तो हम इसके पीछे अंतर्निहित मानसिकता के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
“यह खेदजनक है कि पाकिस्तान के प्रधान मंत्री ने भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए इस सम्मानित सभा का मंच चुना है। उन्होंने कहा कि अपने ही देश के कुकर्मों को छिपाने और भारत के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए ऐसा किया है जिसे दुनिया अस्वीकार्य मानती है।

भारतीय राजनयिक ने हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय की लड़कियों के जबरन अपहरण और फिर उनके शादी की हालिया घटनाओं का उल्लेख किया। “पाकिस्तान के भीतर चलाए जा रहे धर्मांतरण,” का उन्होंने उल्लेख किया।

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