24 साल बाद कांग्रेस को गांधी के बिना अध्यक्ष मिलेगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को लेकर तस्वीर पर भी सफाई दी है। कांग्रेस में नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है और 30 सितंबर तक चलेगी।
गहलोत के मुताबिक राहुल ने कहा कि गांधी परिवार से कोई भी इस बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेगा। ऐसे में साफ है कि नए अध्यक्ष बिन गांधी ही होंगे। अशोक गहलोत ‘भारत जोड़ी यात्रा’ के दौरान केरल में राहुल गांधी से मिले।
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के बारे में तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के अन्य दोस्त भी चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हे दूसरों का चुनाव लड़ने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन परिणाम आने के बाद हम सभी को मिल कर प्रखंड, गांव और जिला स्तर पर मजबूत होकर पार्टी की विचारधारा के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए ताकि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होकर उभरे।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें गहलोत, थरूर, कमलनाथ के साथ मनीष तिवारी का भी नाम शामिल है। इससे पहले इस दौड़ में पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का भी नाम सामने आ रहा था।
1998 से गांधी परिवार ने कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली है। सोनिया गांधी ने 1998 से 2017 तक लगातार 19 वर्षों तक पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। राहुल गांधी 2017 से 2019 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद एक बार फिर सोनिया गांधी अध्यक्ष बनी।
गहलोत जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल करेंगे। यह लगभग तय है कि वह पार्टी के नए अध्यक्ष बनेंगे। ऐसे में राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के लिए अटकलें तेज हो गई हैं। ‘एक व्यक्ति एक पद’ के फॉर्मूले पर राहुल की सलाह के बाद माना जा रहा था कि गहलोत मुख्यमंत्री पद से हट जाएंगे।