बांका
वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव को लेकर बुधवार को राजकीय फार्मेसी कॉलेज , बांका में एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का उद्घाटन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने किया। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव, डीआईओ डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल, केयर इंडिया के डीपीओ ओमप्रसाद नायक और पीसीआई के सत्यप्रकाश समेत सभी प्रखंडों के बीसीएम, सीएचओ और भीबीडी सुपरवाइजर मौजूद थे। प्रशिक्षण देने का काम वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने किया।
इस दौरान प्रशिक्षण ले रहे लोगों को वेक्टर जनित बीमारी कालाजार, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जैपनीज इंस्फ्लाइटिस, फाइलेरिया इत्यादि बीमारियों के बारे में बताया गया। इन बीमारियों के लक्षण और इनसे बचाव के लिए किन सावधानियों की जरूरत है, इसकी जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात यह बताई गई कि जो लोग यहां पर प्रशिक्षण ले रहे हैं, वे सामुदायिक स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार तेजी से करें, ताकि लोग मच्छर के पनपने से रोकने के उपाय करें। प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिये क्षेत्र के लोगों को इस तरह की जानकारी का प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा गया, ताकि आने वाले समय में इन बीमारियों से लोग अपना बचाव कर सके।
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान लोगों को बीमारी के लक्षण और बचाव की जानकारी तो दी ही गई, साथ में इसे रोकने के उपाय भी बताए गए। मच्छरजनित बीमारियों की पहचान क्या है। कैसे जानेंगे कि कालाजार है या फिर डेंगू या मलेरिया, इसके बारे में बताया गया।
उन्होंने बताया कि इन सभी बीमारियों का प्रसार एक से दूसरे में मच्छरों या बालू मक्खी से होता है। इसलिए इन बीमारियों की पहचान और इलाज तेजी से करने की आवश्यकता है, ताकि बीमारी का एक से दूसरे में प्रसार नहीं हो सके। इन सब बारीकियों को प्रशिक्षण के दौरान बताया गया।
डेंगू को लेकर रहें खास सतर्कः प्रशिक्षण के दौरान मौजूद जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि अब बरसात का मौसम खत्म होने वाला है। कुछ दिनों में सर्दियों का मौसम शुरू हो जाएगा। इस दौरान जो बीच का मौसम है, उसमें सतर्कता बरतने की जरूरत है। ये मौसम डेंगू के अनुकूल होता है। इसलिए घर के आसपास सफाई रखें। जलजमाव नहीं होने दें। मच्छर के पनपने का कोई का भी रास्ता नहीं छोड़ें। ऐसा करने से डेंगू से तो बचाव होगा ही, साथ ही मच्छर से होने वाली अन्य बीमारियों से भी आपका बचाव होगा। प्रशिक्षण ले रहे लोगों को उन्होंने इन बातों को सामुदायिक स्तर पर फैलाने की भी बात कही।