अब सदर अस्पताल में भी बनेगा पांच बेड का डेंगू वार्ड

-सदर अस्पताल के प्रभारी को जगह ढूंढ़ने के लिए दिया गया निर्देश
-पैथोलॉजी में डेंगू-मलेरिया जांच के लिए टेक्नीशियन की होगी तैनाती

भागलपुर-

जिले में डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। सदर अस्पताल में भी पांच बेड का डेंगू वार्ड खोलने का निर्णय लिया गया है। मायागंज अस्पताल में पहले से ही 10 बेड का डेंगू वार्ड है। इसे लेकर सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने अस्पताल प्रभारी डॉ. राजू कुमार और अस्पताल मैनेजर जावेद मंजूर करीमी को जगह ढूंढ़ने का निर्देश दिया है। साथ ही अस्पताल की पैथोलॉजी में डेंगू और मलेरिया जांच के लिए एक और लैब टेक्नीशियन की तैनाती करने का भी फैसला लिया गया है। मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से सदर अस्पताल और मायागंज अस्पताल में डेंगू के लगातार मामले मिल रहे हैं। इसके बाद यह फैसला लिया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने कहा कि डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इससे बचने की जरूरत है। कैसे डेंगू से बचे रहें, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। डेंगू के लक्षण की जानकारी बहुत लोगों को है और इससे कैसे बचा जाए, यह भी जानते हैं। दिन में मच्छर काटने से यह बीमारी होती है, इसलिए इससे बचाव पर फोकस करना चाहिए। डेंगू के सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। सिविल सर्जन ने बताया कि डेंगू के कुछ गंभीर लक्षण हैं। जैसे आंखों के पीछे दर्द होना, हड्डियों के जोड़ों पर भयानक दर्द होना और मच्छर के काटने पर लाल चकते होना। डेंगू के गंभीर मरीज का प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है, इसलिए उसे भर्ती करना पड़ता है। इसके अलावा सिर में दर्द होना, तेज बुखार होना जैसे लक्षण सभी को मालूम हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू से बचाव में सफाई है रामबाण इलाज। अगर सफाई रहेगी तो न कूलर में पानी जमा रहेगा और न ही नारियल की खोली में। साफ रहने पर सभी कुछ खत्म रहेगा। इसलिए नियमित तौर पर सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा शरीर को पूरी तरह से ढकने वाला कपड़ा पहनें। शरीर का जो हिस्सा ढका नहीं है, उस पर मच्छर भगाने वाला क्रीम लगाएं। साथ ही मच्छरदानी का प्रयोग करें। ऐसा करते रहने से डेंगू से बचे रहेंगे।
एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगूः डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सदर अस्पताल या फिर मायागंज अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। डॉ. शर्मा ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें। सभी तरह के बुखार डेंगू नहीं होता है। बुखार होने पर बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जांच के बाद जैसा कहेंगे, उसके अनुसार अपना इलाज करवाएं। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती होना पड़ता है। समय पर इलाज कराने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है।

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