आरोग्य के लिए संजीवनी मंत्र देकर हुआ राष्टीय अधिवेशन का समापन

  • नम आखों से हुई आरोग्य सेविकाओं की विदाई
  • वसुधैव कुटुम्बकम् की अधिवेशन में दिखी झलक

आगरा।

आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एकल अभियान के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन रविवार को बाग फरजाना स्थित सांस्कृतिक भवन में हुआ, जिसमें देश के 14 राज्यों से आईं आरोग्य सेविकाओं और उन्हें प्रशिक्षित करने वाले कार्यकर्ता सहित कुल 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर वक्ताओं ने फाउंडेशन के आगामी लक्ष्यों को लेकर कई अहम् घोषणाएं की वहीं वनवासी क्षेत्रों में कार्य कर रही सेविकाओं का उत्साह वर्धन भी किया। इतना स्नेह पाकर कई सेविकाओं की आखें भी नम हो गईं।

800 लोगों की क्षमता के ऑडिटोरियम और ओषधि गार्डन के निर्माण की कुलपति ने की घोषणा:
अधिवेशन में समापन के मौके पर मुख्य अतिथि डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय की नवागत कुलपति प्रो. आशू रानी ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुझे ख़ुशी है कि विश्वविद्यालय के इस संस्कृति भवन में हुए इस अधिवेशन में आरोग्य सेविकाओं के संस्कारों की कुछ लहर इस प्रांगण में अवश्य रह जायेंगीं जो यहाँ के छात्रों को संस्कारित करेंगी। सेविकाएं शक्ति हैं यही इस राष्ट्र के लिए सेवक तैयार करती हैं। उनकी इतनी बड़ी संख्या से यह हाल छोटा पड़ गया है अतः विश्वविद्यालय 800 लोगों की क्षमता का एक ऑडिटोरियम भी बनाएगा। आरोग्य फॉन्डेशन मेरे लिए नया नहीं है मैं इसके क्रियाकलापों से पूरी तरह परिचित और प्रभावित हूँ मैं इस मौके पर यह घोषणा भी करना चाहती हूँ कि विश्वविद्यालय के जरिये हम जल्द एक ओषधि गार्डन भी बनाएंगे।

कार्यक्रम के दौरान प्रकल्प के राष्टीय मार्गदर्शक डॉ. मुकुल भाटिया ने अपने स्वागत उद्भोधन में फाउंडेशन के प्रयासों को आरोग्य हेतु वन औषधियों को संजीवनी बताया किया। आरोग्य प्रकल्प के राष्टीय उपाध्यक्ष डॉ. शम्मी कालरा ने अधिवेशन के कार्यवृत पर प्रकाश डाला। श्री हरि सत्संग समिति के राष्टीय मार्गदर्शक डॉ. सूर्य प्रकाश ने प्रकल्प की पृष्ठभूमि, लक्ष्य एवं उद्देश्य पर अपने विचार व्यक्त किए। फाउण्डेशन के केंद्रीय सचिव सतीश गुप्ता ने प्रशिक्षण के गुणवत्ता बढ़ाने हेतु प्रशिक्षकों से आग्रह किया।

वर्ष 2030 तक एक लाख गावों को जोड़ने का किया आह्वान
अधिवेशन आयोजन समिति के अध्यक्ष पूरन डावर ने पधारे लोगों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए इस प्रकल्प से वर्ष 2030 तक एक लाख गावों को जोड़ने का आह्वान किया। मंचासीन एकल आरोग्य प्रकल्प के राष्टीय अध्यक्ष डॉ. आरएन मेहता, आरोग्य फाउण्डेशन ऑफ इंडिया गुजरात प्रकल्प के अध्यक्ष जीतू भाई पटेल, आरोग्य फाउण्डेशन ऑफ अमेरिका के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, एकल आरोग्य प्रकल्प के केन्द्रीय मार्गदर्शक डॉ. मुकुल भाटिया, एकल आरोग्य प्रकल्प की राष्ट्रीय सचिव डॉ. वाणीं आहलुवालिया, आरोग्य फाउण्डेशन ऑफ आगरा प्रकल्प के अध्यक्ष मुरारी लाल फतेहपुरिया ने प्रकल्प की गति विधियों पर प्रकाश डाला।

मोदी का सेल्फी पॉइंट बना आकर्षण का केंद्र
अधिवेशन में प्रधानमंत्री मोदी का सेल्फी पॉइंट बनाया गया था जिसके लिए लोगों में ख़ास क्रेज देखा गया। देश के अलग-अलग प्रदेश से आए आरोग्य कार्यकर्ताओं और सेविकाओं में पीएम मोदी के साथ फोटो खिचाने की होड़ मची रही।

वन औषधि और उनके पौधों की लगी प्रदर्शनी
बंगाल, उडीसा, झारखण्ड, छत्तीसगड़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, आसाम और कर्नाटक के वनवासी क्षेत्रों में सक्रिय आरोग्य सेविकाओं ने वन ओषधि और उनके पौधों की प्रदर्शनी लगाई।

प्रदर्शनी में दुर्लभ जड़ीबूटियों की एक विस्तृत श्रंखला इस अधिवेशन में देखने को मिली। तुलसी, अमृता, वासक, कालमेघ, चिरैता, धृतकुमारी, मंडूक पारडी, सतावारी भूमि आंवला कंटकारी जैसी ओषधि और उनके पौधों देखने को मिले आरोग्य सेविकाओं ने इस दौरान उनके गुण और उपयोग विधि की जानकारी दी।

मोदी का सेल्फी पॉइंट बना आकर्षण का केंद्र
अधिवेशन में प्रधानमंत्री मोदी का सेल्फी पॉइंट बनाया गया था जिसके लिए लोगों में ख़ास क्रेज देखा गया। देश के अलग-अलग प्रदेश से आए आरोग्य कार्यकर्ताओं और सेविकाओं में पीएम मोदी के साथ फोटो खिचाने की होड़ मची रही।

वन औषधि और उनके पौधों की लगी प्रदर्शनी
बंगाल, उडीसा, झारखण्ड, छत्तीसगड़, पूर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, आसाम और कर्नाटक के वनवासी क्षेत्रों में सक्रिय आरोग्य सेविकाओं ने वन ओषधि और उनके पौधों की प्रदर्शनी लगाई। प्रदर्शनी में दुर्लभ जड़ीबूटियों की एक विस्तृत श्रंखला इस अधिवेशन में देखने को मिली। तुलसी, अमृता, वासक, कालमेघ, चिरैता, धृतकुमारी, मंडूक पारडी, सतावारी भूमि आंवला कंटकारी जैसी ओषधि और उनके पौधों देखने को मिले आरोग्य सेविकाओं ने इस दौरान उनके गुण और उपयोग विधि की जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से रहे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान रामदेव शर्मा, मुकेश चंद्र शर्मा, डॉ. सूर्य प्रकाश, डॉ. हरीशानन्द, डॉ. डीपी गोयल, उड़ीसा के डॉ. टीएन सत्पथी, कर्नाटका की सरिता भंसाली, रांची, झारखंड के डॉ. मृत्युंजय, डॉ. सुषमा गुप्ता, मुंबई के डॉ. महेश संघवी, सुदर्शन सुरेका, असम की बानी बोरा, गुजरात से रमिलाबेन हठीला, डॉ. भौमिक और शशि मेहता, मध्य प्रदेश से डॉ. पीआर त्रिपाठी और अतुल करंडे, हिमाचल प्रदेश से दीप कुमार, तमिलनाडु से डॉ. जयश्री कैलाशन, वाराणसी के डॉ. राजेश, पश्चिम बंगाल से महादेव पाटीदार, डॉ. धु्रव ज्योति, राजस्थान से बिशन सिंह तंवर, अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा, अविनाश वर्मा आदि मौजूद रहे। अधिवेशन के समापन सत्र का संचालन फाउण्डेशन के काशी प्रांत प्रमुख अमरेश कुमार ने किया।

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