सिविल सर्जन ने अल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर अभियान की शुरुआत की

-राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई
-अभियान में एक से 19 वर्ष के बच्चों और किशोरों को दवा खिलायी गई

भागलपुर, 7 नवंबर-

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत सोमवार को नया बाजार स्थित राजकीय मदनलाल कन्या मध्य विद्यालय में आठवीं क्लास तक के उपस्थित बच्चों को सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा और जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने अल्बेंडाजोल टेबलेट खिलाकर अभियान का उद्घाटन किया। साथ ही स्कूल स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 34 के बच्चों को भी अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई गई। यह कार्यक्रम जिले के सभी स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र में चलाया गया। सोमवार को जो बच्चे दवा सेवन से वंचित रह जाएंगे, उन्हें 11 नवंबर को आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर अल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाएंगी। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि अल्बेंडाजोल टेबलेट खिलाने से सभी प्रकार के कृमि से छुटकारा पाया जाता है। शरीर में खून की कमी, भूख न लगना, कुपोषण एवं संपूर्ण शारीरिक और मानसिक कमी कृमि के कारण भी होती है। अल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाने से इन रोगों को दूर किया जा सकता है।
17 लाख 47 हजार 352 बच्चों व किशोरों को दवा खिलाने का लक्ष्यः मौके पर मौजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि कृमि से छुटकारा एवं सेहतमंद भविष्य के लिए इस कार्यक्रम को सफल बनाना है। जिले में कुल 17 लाख 47 हजार 352 बच्चों व किशोरों को अल्बेंडाजोल टेबलेट खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी, डीपीएम फैजान आलम अशरफी, एफबीएनसी, पटना दिवाकर कुमार, डीसीएम जफरुल इस्लाम, एसएमसी यूनिसेफ अमित कुमार, डीटीओ केयर इंडिया सुपर्णा टाट, डीसी पीएसआई राशिद, जिला समन्वयक हर्षवर्धन कुमार सिंह, यूएनडीपी के संदीप सिंह, शहरी प्रबंधक दयानंद मिश्रा, बीएमसी अजीत कुमार, पीतांबर सिन्हा एवं एफएम गोपालशंकर चौधरी और स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमती अपर्णा कुमारी एवं स्कूल के सभी शिक्षक मौजूद थे।
निर्धारित डोज के अनुसार दवा खिलाई गईः जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान निर्धारित डोज के अनुसार दवाई खिलाई गई। इसमें 1 से 2 वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल 400 एमजी गोली आधा चूरकर पानी के साथ खिलायी गयी। 2 से 3 वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल 400 एमजी का एक टैबलेट चूरकर पानी के साथ सेवन कराया गया। साथ ही 3 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों को एक पूरा टैबलेट चबाकर खिलाया गया। इसके बाद पानी का सेवन कराया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी समेत अन्य सहयोगी संगठन के कर्मियों से सहयोग लिया गया।
सामान्य साइड इफेक्ट होने पर घबराएं नहीं: डॉ. चौधरी ने बताया कि दवाई का सेवन कराने पर किसी भी प्रकार की साइड इफेक्ट होने पर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह एक सामान्य साइड इफेक्ट है, जिस बच्चे में कृमि की शिकायत होगी, उसमें ही साइड इफेक्ट दिखेगा। जो अपने आप ठीक भी हो जाएगा। यह आमतौर पर अन्य दवाई के सेवन से होने वाले सामान्य साइड इफेक्ट है। इसलिए, ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं और निर्भीक होकर दवाई का सेवन कराएं।

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