परिवार नियोजन • जिले में महिला बंध्याकरण को अपनाने में हुई वृद्धि

  • सामुदायिक स्तर पर लोगों में जागरूकता और स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से हुई वृद्धि
    — एनएफएचएस – 5 की रिपोर्ट के मुताबिक 37 % लाभार्थियों ने अपनाए परिवार नियोजन के स्थाई उपाय

लखीसराय, 15 नवंबर-

जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों और विभिन्न कार्यक्रमों का जिले में सकारात्मक बदलाव दिखने लगा है । परिवार नियोजन के लिए सामुदायिक स्तर पर हर तबके के लोग आगे आ रहे हैं। जिसका सकारात्मक परिणाम यह है कि परिवार नियोजन के स्थाई साधन (महिला बंध्याकरण) को अपनाने में वृद्धि हुई है, जो सामुदायिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव का बड़ा प्रमाण है। एनएफएचएस – 4 की रिपोर्ट के मुताबिक जिले के 30.5 % योग्य लाभार्थियों ने परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाए जबकि, एनएफएचएस – 5 की जारी रिपोर्ट के मुताबिक यह ऑकड़ा बढ़कर 37 % हो गया है । यानी जिले में स्थाई साधन को अपनाने में 6.5 % की वृद्धि हुई।

  • सामुदायिक स्तर पर लोगों में जागरूकता और स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से हुई वृद्धि :
    सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, यह वृद्धि स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत और सकारात्मक सहयोग के साथ-साथ सामुदायिक स्तर पर लोगों की जागरूकता का नतीजा है। जनसंख्या स्थिरीकरण को बढ़ावा देने के लिए परिवार नियोजन पखवाड़ा का लगातार आयोजन होता है। जिसके माध्यम से दंपत्ति संपर्क अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के साधन को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। इस दौरान अस्पतालों में उपलब्ध सुविधा, परिवार नियोजन को अपनाने से होने वाले फायदे, छोटा और खुशहाल परिवार निर्माण और गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जीने के लिए परिवार नियोजन के साधन को अपनाना कितना जरूरी है, समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी दी जाती है। इसमें आशा कार्यकर्ता का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। वहीं, उन्होंने बताया, इसके अलावा प्रसव के लिए अस्पताल आने वाली सभी प्रसूति महिलाओं को प्रसव के बाद अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एएनएम, ममता एवं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा भी जागरूक किया जाता है।
  • लाभार्थियों के साथ-साथ उनके परिवार वालों को भी किया जा रहा है जागरूक :
    डीआईओ सह एसीएमओ डाॅ अशोक कुमार भारती ने बताया, वर्तमान में भी जिले में परिवार नियोजन पखवाड़ा चल रहा है। जिसके माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा परिवार नियोजन के साधन को अपनाने के लिए घर-घर जाकर योग्य लाभार्थियों से संपर्क कर लाभार्थी सहित उसके परिवार के सदस्य (जैसे – पति, सास-ससुर) को भी जागरूक किया जा रहा है। दरअसल, परिवार नियोजन को अपनाने के लिए पुरुषों और घर के बुजुर्गों की भी सहभागिता बेहद जरूरी है। क्योंकि, कभी-कभी ऐसा देखा जाता है कि महिलाएं परिवार नियोजन के साधन को अपनाने के लिए इच्छुक रहती किन्तु, कभी उसके पति तो कभी घर की बुजुर्ग महिला इंकार कर देती है। इसलिए, पुराने ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर निकालने के लिए सामुदायिक स्तर लोगों को जागरूक करने की जरूरत होती है।
  • दंपति संपर्क अभियान के तहत किया जा रहा है जागरूक :
    डीसीएम पारस मणि ने बताया, जनसंख्या स्थिरीकरण को जिले में बढ़ावा देने के लिए लगातार जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले से आज सारथि रथ को रवाना किया गया है साथ ही दंपति संपर्क अभियान चलाकर घर-घर जाकर लाभार्थियों को जागरूक किया जा रहा है। ताकि अधिकाधिक लाभार्थी लाभान्वित हो सके और अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके।
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