टीबी उन्मूलन में प्रधान करेंगे मदद, मरीजों को लेंगे गोद

-सूरसदन प्रेक्षागृह में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आयोजित हुई संवेदीकरण कार्यशाला

  • जनपद के 250 ग्राम प्रधानों ने किया प्रतिभाग

आगरा, 15 नवंबर 2022।

देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए अब ग्राम प्रधान भी सहयोग करेंगे। वह नि-क्षय मित्र बन मरीजों को गोद भी लेंगे और अपने क्षेत्र में लोगों को टीबी के प्रति जागरुक भी करेंगे। इसको लेकर मंगलवार को सूरसदन प्रेक्षागृह में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन की अध्यक्षता में ग्राम प्रधानों के लिए संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है। इसकी जांच व उपचार के लिए हमारे पास उपकरण व दवाएं मौजूद हैं। हमें लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है। इसमें अब ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जा रहा है। वह अपने क्षेत्र में लोगों को जागरुक करेंगे। इसके साथ ही वह मरीजों को गोद भी लेंगे। इससे टीबी उन्मूलन के लिए हमारे पास जमीनी स्तर पर नेटवर्क स्थापित हो जाएगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव ने बताया कि दुनिया के कुल 27 प्रतिशत मरीज भारत में हैं और भारत के कुल टीबी मरीजों के 18 प्रतिशत परसेंट मरीज यूपी में हैं। इसलिए टीबी मुक्त भारत के लिए हमें सबसे पहले गांवों को टीबी मुक्त करना होगा। तभी ब्लॉक, तहसील और जिला टीबी मुक्त होंगे। इसमें गांवों को टीबी मुक्त करने में ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

उन्होंने बताया कि आगरा में अगस्त 2019 से पूरे उत्तर प्रदेश में 18 वर्ष से कम उम्र के क्षय रोगियों को गोद लेने का प्रयास शुरू किया गया था। आगरा में वर्ष 2019 में 1946 मरीज, 2020 में 2490 मरीज, 2021 में 3161 मरीजों को गोद लिया गया। जनवरी 2022 से अक्टूबर तक सभी उम्र वर्ग के 5717 क्षय रोगियों को विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, जनपद व मंडल स्तरीय अधिकारियों, कर्मचारियों व जनप्रतिनिधि द्वारा गोद लिया गया।

एसएन मेडिकल कॉलेज के क्षय रोग व वक्ष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि टीबी मरीज को समाज से अलग न करें। उनसे भेदभाव करने से उनका मनोबल टूटता है। टीबी मरीजों को दवाओं के साथ-साथ भावात्मक सहयोग की भी आवश्यकता होती है। यदि आप टीबी मरीजों को गोद लेंगे, माह में एक बार उसे कुछ खाने-पीने के लिए दे देंगे। उसके घर पर जाकर चाय पी आएंगे तो मरीज का मनोबल बढ़ेगा और उसके स्वस्थ होने की गति तेज हो जाएगी।

राज्य क्षय रोग एवं प्रदर्शनी केंद्र (एसटीडीसी) आगरा के निदेशक डॉ. संजीव लवानियां ने बताया कि सरकार द्वारा महंगी से महंगी टीबी की दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यदि टीबी का मरीज समय से दवाएं खाए तो वह छह माह में स्वस्थ हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसी को भी टीबी के लक्षण दिखें तो तुरंत उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर उसकी जांच कराएं। टीबी साथ उठने-बैठने से नहीं फैलता है। बस खांसी आए उस दौरान मरीज मुंह को ढक लें।

कार्यशाला में आए ब्लॉक जगनेर के ग्राम दहगवां के प्रधान अशोक कुमार ने बताया कि कार्यशाला में बताए अनुसार टीबी मरीजों को गोद लेंगे। पहले से भी हम किसी को लगातार खांसी रहती है तो उसकी टीबी की जांच कराने की सलाह देते हैं।

ब्लॉक फतेहाबाद के ग्राम मिमरीपुर के प्रधान दयाशंकर ने बताया कि मुझे आज जो बताया गया है, वह अपने क्षेत्र में लोगों को बताएंगे। टीबी के लक्षणों के बारे में लोगों को जागरुक करेंगे। इसके साथ टीबी मरीजों को गोद भी लेंगे। उन्हें पोषण आहार भी देंगे।

कार्यक्रम का संचालन शशिकांत पोरवाल ने किया। इस दौरान एसटीडीसी के डॉ. भरत बजाज, जिला पीपीएम समन्वयक अरविंद यादव, अखिलेश शिरोमणी, पंकज सिंह, संदीप भगत, दुर्गेश वार्ष्णेय आद मौजूद रहे.

टीबी के प्रमुख लक्षण :

-दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना।

-खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना।

-वजन का घटना।

-बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना।

-रात में पसीना आना ।

-भूख कम लगना।

क्षय रोग विभाग द्वारा दी जा रहीं सुविधाएं

  1. निःशुल्क जांच और उपचार
  2. अत्याधुनिक जांचों द्वारा एमडीआर टीबी का पता लगाना
  3. उपचार के दौरान मरीज को निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत हर माह 500 रूपये का भुगतान

4.मरीजों की सूचना देने वाले को 500 रूपये दिए जाते हैं

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