जनता के पैसो से विज्ञापन देकर सस्ती लोकप्रियता बटोर रहे हैं केजरीवाल – मनोज तिवारी

अगर केजरीवाल दिल्ली का विकास चाहते हैं तो आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू क्यों नहीं करते हैं। जनता को छलना बन्द करो।
  तरंग : नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा दिल्ली में पानी की कमी को लेकर चंद्रवाल प्लांट का शिलान्यास करने व सीसीटीवी कैमरे लगवाने को दिल्ली की जनता के साथ छलावा बताते हुये भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में विधानसभा चुनावों को नजदीक आते देख काम करवाने का दिखावा कर रहे हैं। जिन कामों को करवाने का ढकोसला केजरीवाल कर रहे हैं वह काम बीते साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल के शुरूआती दौर में करने चाहिए थे। दिल्ली के लोगों से किये वादों को पूरा करने में असफल होने के बाद चुनावी साल में जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से चुनावी वादे किये सीसीटीवी, नई बसे व बसों में मार्शल, वाई-फाई, बिजली हाफ-पानी माफ लेकिन एक भी वादे को पूरा करने में वो सफल नहीं हुये। जनता को केजरीवाल सरकार का काम जमीन पर नहीं दिखा तो पहले निगम और फिर लोकसभा चुनावों में दिल्ली के लोगों ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को सच का आईना दिखा दिया। दिल्ली के करदाताओं की गाढ़ी कमाई के पैसों का विज्ञापन देकर सस्ती लोकप्रियता बटोर रहे केजरीवाल ने यह स्वयं सिद्ध कर दिया है कि साढ़े चार साल तक दिल्ली के विकास में कौन बाधा बना था।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली भाजपा ने समय समय पर दिल्ली के लोगों की आवाज बनकर संघर्ष किया है और उनके मुद्दों के लिए दिल्ली सरकार से लड़ाई लड़ी है। आम आदमी पार्टी ने जो चुनावी वादे दिल्ली की जनता से किये उसे पूरा करने के लिए हमने सरकार पर कई बार दबाव बनाया। लेकिन केजरीवाल सरकार ने केवल आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति कर दिल्ली के विकास में जानबूझ कर देरी की है। प्रश्न यह उठता है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने साढ़े चार वर्ष के अपने कार्यकाल में सीसीटीवी और पानी की समस्या को दूर करने के लिए चंद्रावल प्लांट की शुरूवात क्यों नहीं की ? चुनावी साल नजदीक आते ही मीडिया में हर दिन नई घोषणा करने वाले घोषणामंत्री मीडिया में सस्ती लोकप्रियता बटोंरने और अपने आप को एक्शन मोड में दिखाने का ढ़ोग कर रहे है।
श्री तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मिलना भी इसी नाटकीय स्वरूप का अंग था। मुख्यमंत्री केजरीवाल को साढ़े चार वर्ष के अपने कार्यकाल बीत जाने के बाद दिल्ली के विकास के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग की याद आई है। यदि केजरीवाल पहले ही केन्द्र सरकार के साथ सहयोग करते तो आज दिल्ली में बिजली-पानी की समस्या विकराल रूप धारण नहीं करती। मुख्यमंत्री दिल्ली के विकास के लिए गम्भीरता दिखाते हुये केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम करते तो आज दिल्ली प्रदूषण में नम्बर एक नहीं बनती। केन्द्र सरकार का हमेशा विरोध कर, केजरीवाल ने दिल्ली को विकास की मुख्यधारा से भटकाने का काम किया है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने केन्द्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को दिल्ली में रोक कर दिल्ली के लोगों को इन योजनाओं से मिलने वाले लाभ से वंचित किया है।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में गर्मी के प्रकोप के साथ जल संकट गहराता जा रहा है लेकिन दिल्ली सरकार के पास इस आपातकाल से निपटने के लिए कोई योजना या नीति नहीं है। दिल्ली की हालत बद से बदतर करने की जिम्मेदारी केजरीवाल की है। दिल्ली सरकार के पास 50,000 करोड़ का बजट है, जिसका इस्तेमाल उसने स्वच्छ भारत या आयुष्मान भारत योजना में नहीं किया है। केजरीवाल जनता के पैसों का इस्तेमाल राजनीतिक विज्ञापनों के लिए कर रही है जिसका पर्दाफाश समय समय पर दिल्ली भाजपा ने किया है। आम आदम पार्टी व उसके नेताओं को अगामी विधानसभा चुनावों में अपनी हार स्पष्ट दिखाई दे रही है इसलिए दिल्ली की जनता के सामने हर दिन कोई नया झूठ परोसा जाता है। केजरीवाल दिल्ली के विकास को लेकर इतने ही चिंतित है तो केन्द्र सरकार की महत्वकांशी योजना आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री आवास योजना को दिल्ली में लागू क्यों नहीं कर रहे हैं।
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