-सात दिनों तक नहीं कराएं स्नान, अधिक से अधिक कराएं स्तनपान
-रंगरा पूर्व स्थित सीएचसी में एएनएम को इसे लेकर दिया गया प्रशिक्षण
भागलपुर-
रंगरा चौक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में मंगलवार को क्षेत्र की एएनएम को कमजोर नवजात का किस तरह से ध्यान रखा जाना है, इसे लेकर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण देने का काम सीएचसी प्रभारी डॉ. रंजन कुमार, केयर इंडिया के विजय कुमार और यूनिसेफ के बीएमसी रंजीत कुमार ने किया। प्रशिक्षण के दौरान सबसे पहले एएनएम को कमजोर नवजात के बारे में बताया गया। बताया गया कि आमतौर पर वैसे नवजात को इस श्रेणी में माना जाता है, जिसका जन्म गर्भधारण के 37 सप्ताह पूरा होने से पहले होता है या फिर जन्म के बाद बच्चे का वजन दो हजार ग्राम से कम हो। ऐसे नवजात की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि ऐसे नवजात का जन्म से 28 दिनों तक विशेष ख्याल रखना पड़ता है। जन्म से सात दिनों तक स्नान नहीं कराने की सलाह एएनएम को प्रशिक्षण के दौरान देने के लिए कहा गया। साथ ही नवजात को अधिक से अधिक स्तनपान कराने की भी सलाह देने के लिए कहा गया। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि अगर 28 दिनों तक बच्चों का सही तरीके से देखभाल किया जाता है और वह स्वस्थ रहता तो फिर बच्चे का स्वास्थ्य सही रहता और आगे किसी तरह के नुकसान की आशंका कम रहती है। एएनएम को जन्म लेने वाले कमजोर नवजात की 28 दिनों के बाद रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा गया।
बेहतर तरीके से होता है स्तनपानः प्रशिक्षण के दौरान मौजूद डॉ. रंजन कुमार ने कहा कि कंगारू मदर केयर एक ऐसा उपाय है, जो कम वजन के साथ जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए अपनाया जाता है। इससे शिशु का वजन बढ़ता है। स्तनपान बेहतर तरीके से होता है। बच्चे का तापमान सही रहता है और वह इन्फेक्शन से दूर रहता। बच्चे और मां के बीच रिश्ता मजबूत होता है। इस विधि में मां के सीने पर सीधी अवस्था में शिशु को चिपकाकर रखा जाता है। इस स्थिति में मां की छाती पूरी तरह खुली होनी चाहिए। इससे मां के शरीर की गर्माहट आसानी से और जल्दी शिशु में स्थानांतरित हो सके। इससे शिशु का तापमान सही रहता है। इस विधि का मां के अलावा शिशु के परिवार अन्य महिला व पुरुष भी उपयोग कर सकते हैं। सिर्फ इस दौरान इस बात का ख्याल रखना है कि शिशु को कंगारू मदर केयर की सुविधा देने वाले स्वस्थ रहें।
बीमार हों तो कंगारू मदर केयर प्रदान नहीं करें- डॉ. रंजन कुमार ने बताया कि कंगारू मदर केयर में एक बात का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है। अगर बच्चे की मां बीमार हो तो उसे यह प्रक्रिया बच्चे के साथ नहीं अपनानी चाहिए। ऐसी परिस्थिति में घर के दूसरे सदस्य भी कंगारू मदर केयर प्रदान कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में बच्चे को साफ हाथों से ही छूना चाहिए। यदि मां बुखार, सर्दी या खांसी से पीड़ित हों तो शिशु को कंगारू मदर केयर नहीं देना चाहिए। घर के कोई भी स्वस्थ व्यक्ति नवजात को कंगारू मदर केयर प्रदान कर सकते हैं।