आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराकर रमेश हुए स्वस्थ

-मजदूरी कर चलाते हैं घर, निजी अस्पताल में इलाज कराने में नहीं थे सक्षम
-योजना के तहत झारखंड के देवघर में कराया इलाज, 78 हजार रुपये हुआ खर्च

बांका, 29 दिसंबर-
“दिल की बीमारी होने पर परेशान रहने लगा था। मजदूरी कर घर चलाता हूं। निजी अस्पताल में इलाज कराने की जहमत कहां से उठाता। किसी तरह कुछ पैसे का इंतजाम कर निजी अस्पताल इलाज कराने के लिए गया, लेकिन वहां पर बताया गया कि इलाज पर काफी पैसे खर्च होंगे। मेरी चिंता और बढ़ गई, लेकिन निजी अस्पताल के एक कर्मी ने मेरी सहायता की और मुझसे घरेलू परिस्थिति की जानकारी लेकर आयुष्मान कार्ड बनवाने की सलाह दी। उस कर्मी ने यह भी बताया कि आयुष्मान कार्ड से मुफ्त में इलाज हो जाएगा। इसके बाद मैंने अपना आयुष्मान कार्ड बनवाया और झारखंड के देवघर में जाकर इलाज करवाया। अब मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं।“
ये कहना है बांका जिले के चांदन के रहने वाले रमेश कुमार का। 34 वर्षीय रमेश कुमार का हाल ही में इलाज हुआ है। देवघर में इलाज कराने के दौरान कुल 78 हजार रुपये का खर्च आया, जिसका भुगतान आयुष्मान कार्ड के जरिये हो गया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उनका कहना है कि मेरे परिवार में पांच सदस्य हैं। कमाने वाला मैं ही हूं। मजदूरी कर किसी तरह परिवार पालता हूं। ऐसे में इलाज का खर्च कहां से उठाता। मैं सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं कि इस तरह की योजना हम गरीबों के लिए चला रही है। मैं जब बांका में डीपीसी पवन कुमार से मिला तो उन्होंने मेरा पूरा सहयोग किया। बताया कि चिंता मत कीजिए। पांच लाख रुपये तक आपका इलाज मुफ्त में होगा। हालांकि मेरे इलाज पर 78 हजार ही खर्च हुआ, लेकिन मेरे जैसे गरीब लोगों के लिए वह 78 हजार भी कहां से आता। इलाज के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मियों ने मेरा भरपूर सहयोग किया।
जिले में काफी लोग उठा रहे हैं योजना का लाभः आयुष्मान योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पवन कुमार कहते हैं कि इस योजना के तहत जिले के हजारों लोगों को फायदा पहुंचा है। मुझे खुशी है कि इसका फायदा उठाने के लिए लोग सामने आ रहे हैं। आयुष्मान कार्ड के जरिये सभी सरकारी अस्पतालों में तो मरीजों का इलाज होता ही है। साथ ही बांका के एक व भागलपुर के लगभग 20 निजी और मायागंज अस्पताल में भी इस कार्ड से मरीजों का इलाज होता है। इसके अलावा देश के सैकड़ों नामी-गिरामी अस्पतालों में भी आय़ुष्मान कार्डधारकों का इलाज किया जाता है। इसलिए जिनलोगों का अभी कार्ड नहीं बना है, वे अपने नजदीकी सीएचसी में जाकर कार्ड बनवा लें। विपरीत परिस्थिति में यह काम आ सकता है।
पांच लाख रुपये तक का मिलता है मुफ्त इलाजः आयुष्मान योजना के तहत कार्डधारक पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ किसी भी उम्र के लोग ले सकते हैं। इस योजना का लाभ अभी जिले के हजारों लोग ले रहे हैं। जिनलोगों के पास पीएम लेटर आया है, उनका बहुत ही आसानी से कार्ड बन जा रहा है। साथ ही जिनलोगों को पीएम लेटर नहीं भी आया है, और वे योजना के योग्य हैं तो उनका भी कार्ड बनने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसके लिए आपके पास 2014 के पहले का राशन कार्ड होना जरूरी है। साथ में अपना आधार कार्ड लेकर अपने नजदीकी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) में जाएं। वहां पर अपना राशन कार्ड दिखाएं। अगर आप इस योजना के योग्य होंगे तो तत्काल आपका आयुष्मान कार्ड बन जाएगा। इसके बाद आप गंभीर तौर पर बीमार पड़ने पर पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में करवा सकते हैं। कार्ड बन जाने के बाद बीमार होने पर इस योजना से सूचीबद्ध अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति में आयुष्मान कार्ड दिखाएं और मुफ्त में इलाज करवाएं।

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