मौलाना ने किया मदरसों की तालीम में सुधार का समर्थन, बच्चों के हाथ में कुरान के साथ कंप्यूटर भी हो

मौलाना ने मदरसों की तालीम में सुधार का समर्थन करते हुए कहा कि बच्चों के हाथ में कुरान के साथ कंप्यूटर भी होना चाहिए। मौलाना ने कहा कि मदरसा शिक्षा को सुधारने के लिए हुकूमत को मुकम्मल तौर पर नीति बनाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग द्वारा किए जा रहे मदरसों में शिक्षा के हालात को सुधारने के प्रयासों का बरेली दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समर्थन किया है।

मौलाना ने अल्पसंख्यक मंत्री धर्मपाल और मदरसा बोर्ड के चैयरमेन डॉ. इफ्तिखार अहमद द्वारा दिए गए बयान के मदरसों में एलकेजी यूकेजी की कक्षाएं शुरू होगी। बच्चों को अब दीन की पढ़ाई के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाएगी। इस तरह का सिस्टम पहले से ही होना चाहिए था।

मौलाना ने कहा कि हुकूमत के जिम्मेदारों के माध्यम से मदरसा शिक्षा नीति की वजाहत करने के बाद हुकूमत की नियत पर अब हम प्रश्न चिन्ह नहीं लगा रहे हैं। हुकूमत ने सर्वे कराकर उत्तर प्रदेश के मदरसों का डाटा भी इकट्ठा कर लिया, वक्फ का सर्वे भी चल रहा है। मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जांच हो चुकी।

मौलाना ने कहा कि अगर योगी आदित्यनाथ की सरकार में मदरसों की मान्यता, भवन निर्माण, अच्छी शिक्षा नीति और तरक्की के लिए कुछ काम हो जाए, तो मुसलमानों का एक बहुत बड़ा तबका बीजेपी सरकार पर भरोसा कायम करने लगेगा। प्रधानमंत्री का नारा है कि मैं मुस्लिम बच्चों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कम्प्यूटर देखना चाहता हूं।ये जमीन के धरातल पर उतरकर मुस्लिम समुदाय में इंकलाब पैदा हो जाएगा।

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