बांका में 10 फरवरी से शुरू होगा फाइलेरिया के खिलाफ अभियान

-दो साल से अधिक उम्र के लोगों को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा
-जिले में एमडीए अभियान की सफलता को लेकर तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग

बांका, 20 जनवरी-

जिले में 10 फरवरी से फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान 14 दिनों तक चलेगा। सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम का मेगा लॉन्च पूरे देश में एक साथ होगा। इसकी सफलता को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाकर लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार के बारे में समय- समय पर जानकारी दी जा रही है, ताकि सामुदायिक स्तर पर लोग जागरूक हों और शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर अपना इलाज शुरू करवा सकें। इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता के साथ-साथ सतर्कता भी बेहद जरूरी है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नियमित तौर पर लगातार विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी दी जा रही है, ताकि संबंधित मरीज अपना सुविधाजनक तरीके से इलाज करवाकर बीमारी पर रोकथाम सुनिश्चित कर सकें।
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवाओं, अल्बेंडाजोल तथा डीईसी या अल्बेंडाजोल, डीईसी और आईवर मैक्टिन दवा का सेवन बेहद जरूरी है। इसीलिए सरकार द्वारा आगामी 10 फरवरी से अगले 14 दिनों देश भर में एक साथ एमडीए अभियान का आयोजन किया जा रहा है।

इस अभियान के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता और शहरी क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर अपने सामने लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाइयां खिलाएंगी। इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को दवा नहीं खिलानी है। इसके अलावा फाइलेरिया हाथीपांव से पीड़ित व्यक्ति को स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजित कर एमएमडीपी किट उपलब्ध करायी जा रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एएनएम, आशा कार्यकर्ता समेत अन्य कर्मियों के सहयोग से अभियान चलाकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: आऱिफ इकबाल ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की पूरी तरह साफ सफाई करनी चाहिए। इसके साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए।

फाइलेरिया से शरीर के खासकर चार अंग होते हैं प्रभावितः आरिफ इकबाल ने बताया कि फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं का स्तन शामिल हैं । हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया संक्रमित अन्य अंगों को ऑपरेशन के द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को सामान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती , जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है।

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