प्रशिक्षण में मिली जानकारी पर क्षेत्र में जाकर अमल करें, टीबी मरीजों को खोजें- डॉ. अंजुम

 –पुराना सदर अस्पताल स्थित फार्मेसी कॉलेज में तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन

–जिले के नवनियुक्त एएनएम को टीबी की जांच, इलाज और लक्षण की मिली जानकारी

 बांका, 17 फरवरी

पुराना सदर अस्पताल स्थित फार्मेसी कॉलेज में जिले के नवनियुक्त एएनएम के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुक्रवार को समापन हो गया। अंतिम दिन बांका सदर, बेलहर और शंभूगंज प्रखंड की नवनियुक्त 40 एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण सत्र का आयोजन जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सोहेल अंजुम की अध्यक्षता में किया गया। प्रशिक्षण देने का काम जिला ड्रग इंचार्ज और मास्टर ट्रेनर राजदेव राय, डीपीएस गणेश झा, एसटीएस शिवरंजन कुमार, सुनील कुमार और अभिनंदन प्रसाद ने किया। आखिरी दिन भी नवनियुक्त एएनएम को टीबी के लक्षण, जांच और इलाज की जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण में उन्हें बताया गया कि अगर किसी को दो सप्ताह या इससे अधिक समय से खांसी हो, छाती में दर्द हो, कफ में खून आए, कमजोरी व थका हुआ महसूस करें , वजन तेजी से कम हो, भूख नहीं लगे, ठंड लगे, बुखार रहे और रात को पसीना आए तो उसकी नजदीकी  सरकारी अस्पताल में जांच कराएं। ये लक्षण टीबी के हैं। जांच में अगर टीबी की पुष्टि हो जाती है तो तत्काल उसका इलाज शुरू करवाएं।

सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच से लेकर इलाज तक की मुफ्त व्यवस्था है। इतना ही नहीं, दवा भी मुफ्त में दी जाती  और जब तक इलाज चलता है, तब तक उसे निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार के लिए राशि दी जाती है।जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सोहेल अंजुम ने आखिरी दिन प्रशिक्षण के दौरान एएनएम को बताया कि आपने जो बातें यहां पर सीखीं, उस पर क्षेत्र में जाकर अमल करें।

जिला को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाना है, इसलिए टीबी मरीजों की खोज को लेकर अभियान को तेज करें। क्षेत्र में अगर टीबी के लक्षण वाले कोई व्यक्ति मिलता है तो उसको नजदीकी  सरकारी अस्पताल लेकर जाएं। वहां पर जांच कराएं। जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो उसका तत्काल इलाज शुरू करवाएं। जब तक वह मरीज ठीक नहीं हो जाए, तब तक उस पर निगरानी रखें। साथ ही उसे सरकारी सहायता उपलब्ध कराने में मदद करें। ऐसा करने से जिले से टीबी को जड़ से खत्म करने में मदद मिलेगी।

इलाज जल्द शुरू होने से मरीज जल्द होता है ठीक: डॉ. सोहेल अंजुम ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और इलाज मुफ्त में होता  है। साथ में दवा भी मुफ्त में दी  जाती  है। इसके अलावा जब तक मरीजों का इलाज चलता तब तक उसे पांच सौ रुपये प्रति माह की राशि पौष्टिक आहार के लिए दी जाती है। मेरी लोगों से यही अपील है कि अगर किसी में टीबी के लक्षण दिखाई दे तो उसे जांच के लिए नजदीकी  सरकारी स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए ले जाएं। वहां पर अगर जांच में पुष्टि होती है तो तत्काल उसका इलाज शुरू करें। जितना जल्द टीबी का इलाज शुरू होगा,उतना ही जल्द मरीज स्वस्थ होंगे।

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