राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए हरसंभव प्रयास – अर्जुनराम मेघवाल

राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए हरसंभव प्रयास – अर्जुनराम मेघवाल

तरंग: नई दिल्ली । केन्द्रीय संसदीय कार्य, भारी उद्योग एवं राजकीय उपक्रम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि केन्द्र सरकार के पास राजस्थानी के साथ ही भोजपुरी व भोती भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का मामला विचाराधीन है और इस विषय के सभी तकनीकी पहलुओं पर गौर कर केंद्र से यथाशीघ्र सकारात्मक कार्यवाही होने की उम्मीद है।
मेघवाल नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में दिल्ली में अप्रवासी राजस्थानियों की विभिन्न संस्थाओं के फेडरेशन राजस्थान संस्था संघ द्वारा आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि इस विषय को राजस्थान के सांसद संसद में भी पूरज़ोर शब्दो मे उठा चुके है। मेघवाल ने बताया कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलवाने के प्रयास काफी लम्बे अर्से से किये जा रहे है। प्रदेश के सांसद व कुछ शिष्टमण्डल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री सहित अन्य से मिल अपनी भावनाओं से उन्हें अवगत करवा चुके है। राजस्थान विधानसभा द्वारा भी सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया जा चुका हैं। राजस्थानी के साथ-साथ भोजपुरी व भोती भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए सभी संबंधित प्रदेशों के सांसद भी सामुहिक प्रयास में जुटे हुए है।
श्री मेघवाल ने कहा कि हम सात करोड़ राजस्थानियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के प्रयासो में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगेें।

उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि वे देश विदेश में जहाँ कहीं गये उस क्षेत्र के विकास में अतुलनीय भागीदारी करते हैं।
समारोह में राजस्थान एवं दिल्ली के सांसदों का सम्मान किया गया। सभी सांसदों का दुपट्टा ओढा कर , स्मृति चिन्ह एवं गुलदस्ता भेट कर व माल्यापर्ण कर अभिनंदन किया गया।
प्रारम्भ में संस्था के संरक्षक केदारनाथ अग्रवाल बीकानेरवाला,अध्यक्ष सुरेश खंडेलवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवरत्न अग्रवाल, महामंत्री के के नरेडा, संयोजक गौरव गुप्ता और अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया। साथ ही आधुनिक राजस्थान के निर्माण में तन,मन एवं धन के साथ योगदान देने का संकल्प दोहराया।
समारोह में राजस्थान भाषा मान्यता समिति के अध्यक्ष के सी मालू, भाषा आंदोलन से जुड़े पदम मेहता, राजेन्द्र व्यास और राजस्थान के विभिन्न भागों से आये प्रतिनिधि भी मौजूद थे। साथ ही एस के तिजारावाला, रामकृष्ण गुप्ता, शंकर गोयनका, राजेन्द्र गुप्ता, अभिनव, चंद्रकमल आदि भी मौजूद थे।
इस मौके पर मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
समारोह में सांसद श्रीमती जसकौर मीना, निहारिका चौहान, सी पी जोशी, रामचरण बोहरा, सुभाष बहेड़िया,डॉ मनोज राजोरिया, राहुल कस्वां,स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, नरेंद्र कुमार,भगीरथ चौधरी, श्रीमती रंजीता कोली, हनुमान बेनीवाल आदि उपस्थित रहे व इनमे से अधिकांश ने अपने विचार रखे।

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