दिल्ली : राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट कर कहा है पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है।
आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है।
इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं। तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।
तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया। मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि ट्रिपल तलाक बिल के पारित होने पर मैं देश भर की मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के अभिशाप से छुटकारा मिलने पर बधाई देता हूं।
इस ऐतिहासिक निर्णय से मोदी सरकार ने देश की मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बने तीन तलाक से उन्हें मुक्ति देकर समाज में सम्मान से जीने का अधिकार दिया है।
मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल 2019 पारित होने से मुस्लिम महिलाओं के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खुलेंगे जिससे वे न्यू इंडिया’ के निर्माण में प्रभावी भूमिका अदा कर सकेगी। मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित है,
ट्रिपल तलाक पर बैन इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक को पास करा कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने वादे को पूरा कर दिखाया है।
तीन तलाक बिल पर पक्ष विपक्ष के कई नेताओं और सांसदों ने अपनी बात रखी। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के सवालों का जवाब भी दिया और सरकार का पक्ष भी रखा।
चर्चा के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसे राजानीतिक चश्मे से न देखा जाए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस बिल पर राजनीति कर रही है। राजीव गांधी की सरकार के समय भी अपने इरादे दिखा चुकी है और फिर दिखा रही है लेकिन उनकी सरकार कमजोर औरतों को ऐसे बेसहारा नहीं छोड़ेगी।
वहीं तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार को सभी महिलाओं की फिक्र करनी चाहिए। प्रथमसेवक से भी प्रथमसेविका को न्याय दिलाना चाहिए। राज्यसभा में गुलाब नबी आजाद ने कहा कि ये कानून राजनीति से प्रेरित है, ये अल्पसंख्यक आपस में लड़ते रहेंगे, पति-पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ वकील खड़ा करेंगे और वकीलों की फीस भरने के लिए जमीन बेंचेंगे, जेल टर्म खत्म होने तक वे दीवालिया हो जाएंगे।