एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों की सूची तैयार कर उन्हें सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराना सुनिश्चित करें-जिलाधिकारी 

-एड्स एवं सामाजिक सुरक्षा पर एक दिवसीय जिलास्तरीय बैठक आयोजित 

एड्स से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने को कहा  – – स्वास्थ्य विभाग,

आईसीडीएस समेत अन्य विभागों के पदाधिकारी हुए शामिल 

 लखीसराय।

जिला समाहरणालय  परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्ययालय  में सोमवार को जिलाधिकारी  की अध्यक्षता में मुख्यधारा कार्यक्रम के अंतर्गत एचआईवी/एड्स एवं सामाजिक सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय जिला स्तरीय बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस समेत जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में एड्स संक्रमित/प्रभावित व्यक्ति के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से  संबंधित लाभ दिलाना सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने  सभी पदाधिकारियों से कहा, जिले के सभी संक्रमित व्यक्तियों की सूची तैयार कर उन्हें सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराना सुनिश्चित करें। ताकि शत-प्रतिशत लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके और एक भी व्यक्ति वंचित नहीं रहें। साथ ही जागरूकता कार्यक्रम चलाकर एड्स से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक और एड्स को लेकर लोगों में चल रही  भ्रांतियों को भी दूर करें। ताकि लोग पीड़ित व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का अनावश्यक भेदभाव नहीं करे।

इसको लेकर लोगों को एड्स से बचाव, यह कैसे फैलता है , इसका लक्षण, कारण, उपचार समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारियाँ से सामुदायिक स्तर पर लोगों को अवगत कराएं। जिससे कि लोग इस लाइलाज बीमारी से दूर रह सकें। इसके अलावा जिलाधिकारी ने अन्य कई आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए।  – छुआछूत नहीं है  एड्स , इसलिए पीड़ित के साथ नहीं करें भेदभाव : सिविल सर्जन डाॅ. बीपी सिन्हा ने बताया, एड्स छुआछूत बीमारी नहीं है। इसलिए, पीड़ित व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का अनावश्यक भेदभाव नहीं करें।

यह हाथ मिलाने, साथ उठने-बैठने, कपड़े आदान-प्रदान करने से नहीं होता है। बल्कि, शारीरिक संबंध, खून के आदान-प्रदान समेत अन्य प्रकार के संपर्क होने से होता है। वहीं, उन्होंने कहा, किसी भी व्यक्ति को एड्स का लक्षण दिखे या महसूस हो तो तुरंत उन्हें चिकित्सकों से जाँच कराकर इलाज शुरू करना चाहिए। इसके अलावा  चिकित्सा परामर्श का पालन करना  जरूरी है। ताकि परिवार के अन्य लोग इन बीमारियों के दायरे से दूर रह सकें और पीड़ित व्यक्ति का भी समय पर इलाज शुरू हो सके । जिला एड्स बचाव एवं नियंत्रण इकाई, लखीसराय के जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने सभी संबंधित विभागों से आये प्रतिनिधि पदाधिकारी से  केंद्र /राज्य सरकार द्वारा सभी देय सामाजिक सुरक्षा योजना से जिला के सभी एचआईवी  संक्रमित परिवार को आच्छादित कर उन्हें समाज की  मुख्य धारा में जोड़े जाने की अपील की ।

उन्होंने   बताया कि जिले में अभी कुल 774 एचआईवी  संक्रमित व्यक्ति हैं ।जबकि परवरिश योजना के अंतर्गत कुल 233 आवेदन दिये गए हैं,।   इनमें से 185 लाभुकों को लाभान्वित कराया जा रहा है। इसके तहत सभी लाभार्थियों को ₹1000/- (एक हजार रुपये मात्र) प्रति माह अनुदान  दिया जा रहा है।बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना के अंतर्गत अब तक कुल 225 व्यक्ति लाभान्वित हो रहें है। – ये हैं एड्स का शुरुआती लक्षण : एड्स का शुरुआती लक्षण है, मरीज का शारीरिक वजन कम होना, लंबे समय तक बुखार रहना, काफी दिनों तक डायरिया होना, शरीर में गिल्टी होना। इस तरह के परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराएँ।

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