-राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय वार्षिक समीक्षा बैठक
-सीएमओ ने कुष्ठ उन्मूलन के लिए बेहतर कार्य करने वालों को किया सम्मानित
आगरा।
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को वर्ष 2022-23 की जिला स्तरीय वार्षिक समीक्षा बैठक हुई । इस दौरान कुष्ठ निवारण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ.यूबी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सीएमओ डॉ. एके श्रीवास्तव ने उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया।
जिला कुष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष में 107 नए कुष्ठ रोगी खोजे गए हैं जबकि 64 मरीज स्वस्थ हो गए। जिला चिकित्सालय आगरा के मनीष यादव ने जनपद में सबसे अधिक 21 कुष्ठ रोगी खोजकर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। एसएन मेडिकल कॉलेज के एसएन गौतम ने 18 नए कुष्ठ रोगी खोजकर जिले में दूसरा स्थान पाया। इन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
इसके अतिरिक्त सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था की राना बी. को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। जिला कुष्ठ अधिकारी ने बताया कि रोग के बारे में छिपाएं नहीं बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों को बताएं, जिससे सही तरीके से उपचार किया जा सके । कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि आवश्यकता है कि हम समाज के हर व्यक्ति को कुष्ठ रोग की जानकारी उपलब्ध कराएं।
उन्होंने बताया कि शारीरिक विकृति और कुरुपता ही कुष्ठ रोग के बारे में भय और सामाजिक घृणा का मूल कारण है। जल्द निदान और नियमित इलाज से कुष्ठरोग के कारण होने वाली विकृतियों से बचा जा सकता है। इसी प्रकार कुष्ठ रोग का निर्मूलन बहुत आसानी से हो सकता है। इसके लिए सिर्फ सभी का साथ और सहयोग चाहिए।
बैठक में डॉ.मनीष गुप्ता, एआरओ.आरसी चौधरी, मनीष यादव, राकेश बाबू, अरुण, एसएन गौतम, एनएमए उमेश शर्मा, एमपी सिंह, लैब टेक्निशियन भारत सिंह, सुनील कुमार को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कुष्ठ रोगी की पहचान
पीबी-(पॉसी बेसिलरी) यदि किसी व्यक्ति के शरीर पर एक से पांच तक सुन्न चकत्ते हो,जिसका रंग त्वचा के रंग से हल्का या लाल हो।
एमबी-(मल्टी बेसिलरी) यदि किसी व्यक्ति के शरीर पर कहीं भी 05 से अधिक सुन्न त्वचा से हल्के या लाल रंग के चक्कते हो।
उपचार-
पीबी- (पॉसी बेसिलरी) छह माह तक इलाज
एमबी- (मल्टी बेसिलरी) 12 माह तक इलाज
कुष्ठ रोग की जानकारी
-कुष्ठ रोग छूआछूत का रोग नहीं है।
-कुष्ठ रोग अनुवांशिक बीमारी नहीं है।
-यह एक जीवाणु से फैलता है,जो पूर्णतया ठीक होने वाला रोग है।
-सफेद दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है।
-कुष्ठ रोग पूर्व जन्म का पाप या अभिशाप नहीं है।
-कुष्ठ रोग का पता चलते ही तुरन्त इलाज कराने से दिव्यांगता से बचा जा सकता है।
-कुष्ठ की जांच एवं उपचार सभी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है।