फीरोजाबाद।
पालीवाल महाविद्यालय शिकोहाबाद में एप्लीकेशंस इन फॉरेंसिक एंड एग्रीकल्चरल साइंसेस विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का शुभारंभ पूसा इंस्टीट्यूट नई दिल्ली से पधारे मुख्य वक्ता प्रधान वैज्ञानिक आनुवांशिकी तथा डिवीजन हेड जीनोमिक रिसोर्सेज के डॉ महेश यादव के साथ मिलकर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रवीण कुमार, विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य डॉ आरसी गुप्ता एवं सेमिनार के आयोजक डॉ प्रेम प्रभाकर ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर प्रवीण कुमार ने की। कार्यक्रम का अयोजन डॉ प्रेम प्रभाकर के निर्देशन में गणित विभाग के पुष्कर सिंह, वीरेंद्र सिंह, अनुराग पालीवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ आर.बी. पाण्डेय ने किया।
सेमिनार में मुख्य वक्ता डॉ महेश यादव ने रिसर्च इंस्टीट्यूट में स्वयं एवं अपने सहयोगी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जींस में परिवर्तन करके फसल उत्पादन बढ़ाने से संबंधित शोध कार्यों के बारे में छात्र छात्राओं को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज भारत डी एन ए की बार कोडिंग करने के साथ साथ धान्य, चावल, गेंहू, मक्का एवं दालों आदि का उत्पादन बढ़ाकर आत्म निर्भर हो रहा है।
विशिष्ट अतिथि डॉ आर सी गुप्ता ने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने में कृषि वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। प्राचार्य डॉ प्रवीण कुमार ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के कारण ही हम जय जवान जय किसान एवं जय विज्ञान बोल रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में डॉ प्रेम प्रभाकर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कृषि हमारे भारत की जी डी पी में 18 प्रतिशत का योगदान कर रही है, 151 मिलियन लोग कृषि से जीविकोपार्जन कर रहे हैं।
कार्यक्रम के पश्चात मुख्य वक्ता को प्राचार्य प्रोफेसर प्रवीण कुमार , डॉ प्रेम प्रभाकर एवं कार्यक्रम समिति सदस्यों सम्मान चिन्ह भेंट किया गया।
इस सेमिनार में डॉ विशाल पाठक, पी के पालीवाल, डॉ अजेय करण चौधरी, डॉ अंशू शर्मा, डॉ उजैफा सगीर, सुनील पटेल, डॉ अजय कुमार, डॉ सुशील कुमार, डॉ टी एच नकवी, डॉ शरद मित्तल एवं अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।