खालसा मेरो रूप है खास खालसे मैं हूं करूं निवास

आगरा।

गुरुद्वारा श्री कलगीधर सदर बाजार पर 11 अप्रैल से चल रहे लड़ी बार बैसाखी महा उत्सव कार्यक्रम में आज 13,4,2023 को खालसा सर्जना सृजना दिवस की खुशी मनाते सिख धरम के अनुयाईयो ने अमृतवेले झुलते निशान पंथ महाराज के जयकारों के साथ निशान साहिब का चोला चड़ाया।

अमृत मई कीर्तन दरबार सजा श्रीअखंड साहिब जी के पाठ के भोग के ततपश्चात रसमई कीर्तन की हाजिरी भरने श्री दरबार साहिब अमृतसर से पंथ के महान कीर्तनकार भाई साहब भाई जीतेंद्र सिंह ने धन-धन दशम पिता गुरु गोविंद सिंह जी की उपमा का वर्णन कर संगत को कीर्तन द्वारा निहाल किया उन्होंने बताया इतिहास में पहला ऐसा वाक्य है जहां ऊंच-नीच भेद-भाव जात पात से ऊपर उठकर गुरुजी ने उन पांच व्यक्तियों को अमृत पिलाया जिन्होंने स्वयं प्रेरणा से अपने आपको गुरु चरणों में न्योछावर कर दिया गुरुजी ने भी अमृत पान किया कालांतर में वह पांच प्यारे कहलाए वैसाखी पुरब खालसा पंथ (सिख धरम) की सृजना हुई।

ऐसा विश्व में कहीं नहीं है कि गुरु ने अपने ही शिष्यों के आगे नतमस्तक होकर दीक्षा ली हो यह पावन बैसाखी पर्व पूरे विश्व में सिख समाज द्वारा बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम एवं श्रद्धापूर्वक मनाया गया गुरुद्वारा गुरु का ताल के हजूरी रागी भाई हरजीत सिंह ने गुरबाणी की अमर्त्य रसधारा में संगतो को भावविभोर किया।

गुरवाणी कीर्तन शब्द 1,राजन के राजा महाराजान के महाराजा ऐसो राज छोड़ दूजा कौन दियाइए,,,,2,इन्ही की कृपा ते सजे हम हैं नहीं मोसे गरीब करोड़ परे,,,,3,
वाह वाह गोविंद सिंह आपे गुर चेला,,,,,4,
सो अमृत गुर ते पाया,,,,5, चोजी मेरे गोविंदा चोजी मेरे प्यारिया हर प्रभ मेरा चोजी जियो,,,,
पूरे गुरुद्वारे साहिब को भव्य जगमग जगमग सजाया गया गुरद्वारा श्री कलगीधर
हजूरी रागी द्वारा कीर्तन की हाजिरी के साथ ज्ञानी अमरीक सिंह द्वारा अरदास हुकुमनामा लेकर सभी धर्म के लिए ले गुरु का अटूट लंगर वरता मुख्य रूप से मौजूद प्रधान रमन साहनी,बंटी ओबरॉय, गुरु सेवक श्याम भोजवानी,राजू सलूजा ,सुरजीत छाबड़ा,बबलू अर्सी,अमरजीत सिंह, आर एस ओबरॉय, मनोज नोतनानी,
हेमंत भटीजा,निर्मल सिंह ,कुलविंदर पाल सिंह, दलजीत सिंह कोचर, पिंटू चड्ढा आदि उपस्थित रहे

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