- जागरूकता कार्यक्रम में मलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की दी गई विस्तृत जानकारी
- सदर अस्पताल में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में कार्यक्रम का हुआ आयोजन
लखीसराय-
विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर मंगलवार को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया गया। इस अवसर पर लोगों को मलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूक किया गया। इस दौरान जन-जन का यही नारा है, मलेरिया मुक्त जिला हो हमारा, दूर होगी मलेरिया की बीमारी, जब हम सब की होगी भागीदारी, मलेरिया से अपने परिवार को बचाओ, मच्छरदानी अपनाओ आदि स्लोगन और नारे के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव सहित इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई और सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जाएगा। वहीं, सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन डाॅ बीपी सिन्हा की अध्यक्षता में शपथ समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मौजूद सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों ने मलेरिया मुक्त समाज निर्माण का संकल्प लिया। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी भगवान दास, गौतम प्रसाद, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नरेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।
- जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मलेरिया मुक्त समाज निर्माण की ली गयी शपथ :
सिविल सर्जन डाॅ बीपी सिन्हा ने बताया, विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मंगलवार को शपथ समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें आंगनबाड़ी सेविका, आशा, जीविका समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया। इस दौरान सभी स्वास्थ्य संस्थानों के पदाधिकारी एवं कर्मियों द्वारा मलेरिया मुक्त समाज निर्माण की शपथ ली गई और इस बीमारी से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने, जरूरी जानकारी देने समेत अन्य जरूरी निर्णय भी लिए गए । - किसी आयु वर्ग के लोग मलेरिया से हो सकते हैं पीड़ित :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार ने बताया, मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी आयु वर्ग के के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता । फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है। - मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का करें प्रयोग : मलेरिया से बचाव के लिए पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी लगाएं। इस बात का दिन में सोने के दौरान भी ख्याल रखें। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें एवं किसी भी कीमत पर जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें।