– आयोजन • नवगछिया नगर पंचायत एवं पकड़ा के 32 जीविका दीदियों को दिया गया प्रशिक्षण\
– टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की दी हुई जानकारी
भागलपुर।
स्वास्थ्य विभाग एवं केएचपीटी के साथ जीविका के संयुक्त तत्वावधान में नवगछिया प्रखंड के तेतरी गाँव स्थित जीविका के सृष्टि सीएलएफ कार्यालय में टीबी उन्मूलन को लेकर जीविका दीदियों के चल रहे दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हो गया है । प्रशिक्षण के दौरान मौजूद जीविका दीदियों को टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई।
साथ ही टीबी की रोकथाम के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को कैसे जागरूक करना है, बीमारी के लक्षण दिखने पर संबंधित व्यक्ति को क्या करना चाहिए ,समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी भी दी गई। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त सभी दीदी सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक कर सके और टीबी मुक्त समाज के निर्माण को गति मिल सके। उक्त प्रशिक्षण केएचपीटी के संदीप कुमार एवं दीपक कुमार द्वारा दिया गया।
17 ग्राम संगठन के 32 जीविका दीदियों को दिया गया प्रशिक्षण : केएचपीटी की जिला टीम लीडर आरती झा ने बताया, तेतरी में आयोजित प्रशिक्षण में नवगछिया नगर पंचायत एवं नवगछिया प्रखंड के 17 ग्राम संगठन (भीओ) के कुल 32 जीविका दीदियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सभी दीदियों को टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की तो विस्तृत जानकारी दी ही गई, इसके अलावा इस बीमारी से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए भी प्रेरित किया गया।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण समापन के तत्पश्चात सभी दीदियों के सहयोग से जागरूकता रैली भी निकाली गई। जिसके दौरान आसपास के कई गाँवों का भ्रमण कर लोगों को जागरूक किया गया और लघु नाटक के माध्यम से भी सामुदायिक स्तर पर लोगों को टीबी से बचाव की जानकारी दी गई।
टीबी से बचाव के लिए जागरूकता और लक्षण दिखते ही जाँच जरूरी : एमएनई एसोसिएट श्याम सुंदर कुमार ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान जीविका दीदियों को यह भी बताया गया कि टीबी से बचाव एवं इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। साथ ही लक्षण दिखते ही संबंधित व्यक्ति को तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में जाँच करानी चाहिए। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी की मुफ्त जाँच और समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, आपलोग अपने-अपने क्षेत्र को लोगों को टीबी से बचाव के लिए जागरूक करें और जिस व्यक्ति में लक्षण दिखे, उन्हें तुरंत जाँच कराने के लिए प्रेरित करें। जाँच कराने में सहयोग भी करें। टीबी उन्मूलन को सार्थक रूप देने के लिए यही आपका सबसे बेहतर और कारगर कदम होगा। इससे ना सिर्फ संबंधित व्यक्ति की समय पर जाँच और इलाज सुनिश्चित होगा बल्कि, उनका परिवार और समाज भी सुरक्षित रहेगा।
ये हैं टीबी के प्रारंभिक लक्षण : – भूख न लगना, कम लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना।- बेचैनी एवं सुस्ती रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट व रात में पसीना आना।- हलका बुखार रहना।- खांसी एवं खांसी में बलगम तथा बलगम में खून आना। कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।- लगातार पन्द्रह दिनों तक खाँसी रहना – गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।- बुखार के साथ गर्दन जकड़ना, आंखें ऊपर को चढ़ना या बेहोशी आना ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस के लक्षण हैं।- पेट की टीबी में पेट दर्द, अतिसार या दस्त, पेट फूलना आदि होते हैं।