पटना 23 जून।
45 मिनट की प्रेस कॉफ्रेंस तक विपक्षी कुनबा एकजुट नहीं रह सका तो 2024 तक कैसे साथ रहेंगे? पटना में आज विपक्षी दलों की बड़ी बैठक हुई। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस बीच में ही छोडकर चली गई।
अरविंद केजरीवाल के प्रेस कॉफ्रेंस में शिरकत नहीं करने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि वह बैठक में शामिल थे, लेकिन उनकी फ्लाइट थी, जिसके चलते वो चले गए हैं लेकिन विपक्षी एकता में वो शामिल हैं। नीतीश ने भले ही यह कह बात को टाल दिया हो, लेकिन आम आदमी पार्टी ने बयान जारी करके नीतीश के बयान ही नहीं बल्कि विपक्षी एकता की भी पोल खोल दी है। AAP ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस जिस गठबंधन में शामिल रहेगी, उसमें आम आदमी पार्टी का रहना मुश्किल है।इस तरह आम आदमी पार्टी ने खुद को विपक्षी एकता से अलग करने का निर्णय ले लिया है।
इस तरह से शिमला में अगले महीने जुलाई में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में केजरीवाल और उनकी पार्टी शिरकत नहीं करेगी, क्योंकि यह बैठक कांग्रेस के द्वारा ही जा रही है। आम आदमी पार्टी ने खुद को विपक्षी एकता से बाहर कर लिया है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच बैठक से पहले ही सियासी मनमुटाव साफ तौर पर दिख गए थे। आम आदमी पार्टी विपक्षी बैठक में दिल्ली की सेवाओं के लिए लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन चाहती थी, लेकिन कांग्रेस और उमर अब्दुल्ला ने ऐतराज जातकर केजरीवाल को असहज कर दिया। केजरीवाल ने समर्थन मांगा तो उमर अब्दुल्ला ने विरोध जता दिया। कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया था कि संसद सत्र के दौरान इस बार बात की जाएगी, लेकिन पहले उठाकर क्या सियासी संदेश दे रहे है।