फाइलेरिया की दवा खिलाने का अभियान चले तो हर स्वस्थ्य व्यक्ति को ये दवा जरूर खानी चाहिए-डॉ अशोक कुमार भारती,अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी

हम सभी फाइलेरिया के रूप को किसी न किसी इंसान में देखा जरूर है तो उस समय हमें ये जानने की उत्सुकता होने लगती है कि ये बीमारी क्यों और कैसे होता है। आइए, हम सब इस बीमारी से बचाव एवं इलाज के बारे में जानते हैं जिला के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती से —

लखीसराय।

प्र. फाइलेरिया क्या है और क्यों होता है?
उत्तर : फाइलेरिया एक परजीवी जनित रोग है जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है ।
प्र. फाइलेरिया किस अंग को प्रभावित कर सकता है ?
उत्तर : ये आमतौर पर हाथ,पाँव,अंडकोष,के साथ स्तन में हो सकता है ।
प्र . फाइलेरिया किस उम्र में हो सकता है ?
उत्तर : फाइलेरिया संक्रमण हर उम्र के लोगों को हो सकता है,परन्तु यह संक्रमण लोगों को बचपन के दौरान ही हो जाता है।
प्र . फाइलेरिया का लक्षण क्या है ?
उत्तर : इस बीमारी के कारण हाथ,पैर, अंडकोष ,एवं स्तन में सूजन हो जाती है। ये बीमारी मादा के प्राइवेट अंग को भी प्रभावित करता है जहाँ सूजन हो जाती है।
प्र . फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए क्या-क्या सावधानी रख सकते हैं ?
उत्तर : इस बीमारी से बचने के लिए घर के आसपास पानी को जमा न होने दें। सोते समय मच्छरदानी का हमेशा प्रयोग करें। अगर घर में कूलर का उपयोग करते हैं तो उसका पानी प्रतिदिन बदलें। साथ ही फुल बाँह के कपड़े का इस्तेमाल करें ।
प्र . क्या फाइलेरिया बीमारी जानलेवा भी है?
उत्तर : फाइलेरिया जानलेवा रोग नहीं है पर ये जिस इंसान को हो जाता है उसे ताउम्र परेशानी देता रहता है। इसलिए जरूरी है हम समय के रहते इससे अपना बचाव करें। जब आपके क्षेत्र में फाइलेरिया की दवा खिलाने का अभियान चले तो हर स्वस्थ्य व्यक्ति को ये दवा जरूर खानी चाहिए।
प्र . फाइलेरिया बीमारी के ठीक होने के लिए किस दवा का इस्तेमाल सही है?
उत्तर : फाइलेरिया जब अपने तीसरे स्तर पर चला जाता तो ये ठीक नहीं हो सकता है। पर ये पहले और दूसरे स्तर पर ठीक हो सकता है। भारत सरकार ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए दो दवा का प्रवधान दिया है। पहला डी.ई.सी एवं अल्बेंडाजोल है। जिसे उम्र के हिसाब से चिकित्सीय सलाह के अनुसार लेना होता है। .
प्र . फाइलेरिया बीमारी के लिए नाइट ब्लड सर्वे क्यों किया जाता है?
उत्तर : इस बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए नाइट ब्लड सर्वे इस कारण जरूरी होता है कि फाइलेरिया का परजीवी रात के समय ही जागरूक होता है । रात के समय हमारा शरीर सुस्त अवस्था में होता है जिसके कारण इसका परजीवी लिम्फग्रंथि से रक्त में आ जाता है। इस कारण रात के समय संग्रह किये हुए खून की जाँच से फाइलेरिया का पता आसानी से चल जाता है।

प्र . फाइलेरिया बीमारी के लिए सरकरी स्तर पर दवा के साथ क्या कोई और भी सुविधा दी जाती है ?
उत्तर : हाँ दवा के साथ सरकारी स्तर पर हर प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एमएमडीपी क्लीनिक की वयवस्था की गई है। जहाँ फाइलेरिया मरीज को किट के साथ-साथ जरूरी सलाह दी जाती है जो इस गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए क्षमता प्रदान करता।

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