पाकिस्तान का पाला हुआ तालिबान अब उसी के गले की हड्डी बना हुआ है। अब स्थिति यह हो गई है कि तालिबान जैसे आतंकी संगठन जिसे कभी पाकिस्तान ने पाला-पोसा वहीं उसे सबक सिखाने जैसी धमकी दे रहा है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का गठन 2000 के दशक की शुरुआत में पाकिस्तानी सरकार के सहयोग से किया गया था। तब पाकिस्तान की कोशिश यह थी कि इस संगठन का इस्तेमाल अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने में कारगर हथियार के रूप में करते रहेंगे।
पाकिस्तान की योजना लंबे समय तक कारगर साबित नहीं हुई और टीटीपी अपने ही आका के खिलाफ हो गया और वह पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया। फिर टीटीपी पाकिस्तान के खिलाफ खूनी विद्रोह कर रहा है।
टीटीपी की धमकी का जवाब पाकिस्तानी सरकार की ओर से सैन्य हमले से दिया गया है, लेकिन इसमें ज्यादा कामयाब नहीं मिली है। टीटीपी के बारे में माना जाता है कि अब यह संगठन अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकानों से काम कर रहा है।
टीटीपी पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बना रह सकता है, और क्षेत्र में लंबे समय तक अस्थिरता बनी रह सकती है, या यह भी संभव हो सकता है कि टीटीपी पाकिस्तानी सरकार को ही सत्ता से बाहर कर देने में कामयाब हो जाए, लेकिन ऐसा हुआ तो देश में इस्लामी अमीरात की स्थापना होने की संभावना बन जाएगी।