आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में फर्जीवाड़ा करते-करते अब संसद भवन में फर्जीवाड़ा किया है। राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली सेवा बिल को लेकर जमकर बहस हुई और इसके बाद बिल पास भी हुआ। आम आदमी पार्टी इस बिल का कड़ा विरोध कर रही थी, इसके बावजूद बिल पास हो गया। लेकिन इस बहस के बीच आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा पर एक गंभीर आरोप लगा है, जिसमें कुछ सांसदों ने उनपर फर्जी हस्ताक्षर करवाने की बात कही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी चर्चा में इसका जिक्र किया और राज्यसभा चेयरमैन से जांच की मांग की है।
राघव चड्ढा ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें दिल्ली से जुड़े बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की सिफारिश की और इस प्रस्ताव में उनके अलावा 4 अन्य सांसदों के हस्ताक्षर थे। इसमें प्रस्तावित सेलेक्ट कमेटी का भी जिक्र था। हालांकि, बाद में इन सांसदों ने कहा कि उन्होंने ऐसे किसी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं या सहमति नहीं जताई है।
बीजेपी सांसद नरहरी अमीन ने कहा कि राघव चड्ढा ने मेरा नाम इस लिस्ट में लिया, उन्होंने इस बारे में मुझसे बात नहीं की और ना ही मैंने किसी तरह की सहमति दी है। राघव चड्ढा ने जो किया है वह पूरी तरह से गलत है। उनके अलावा अन्य सांसदों ने भी इस मसले की जांच की बात कही है।
राज्यसभा के नियम के तहत सांसदों ने नियम 722 के तहत चेयरमैन को अपना नोटिस दिया है, जहां राघव चड्ढा का मसला उठाया गया है। अगर आरोप सही पाया जाता है तो इस मामले में कुछ वक्त के लिए सस्पेंशन हो सकता है, वहीं अगर प्रिविलेज कमेटी की जांच में राघव चड्ढा दोषी पाए जाते हैं तो उनकी राज्यसभा सदस्यता भी जा सकती है।