रूसी चंद्र मिशन लूना-25 में कक्षा परिवर्तन के दौरान तकनीकी खराबी, लैंडिंग में हो सकती है देरी

रूसी चंद्र मिशन लूना-25 में कक्षा परिवर्तन के दौरान तकनीकी खराबी, लैंडिंग में हो सकती है देरी। वैज्ञानिक अलर्ट मोड पर।

रूस के चंद्र मिशन लूना-25 अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आ गई। इसकी पुष्टि रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने की है। रूस के मून मिशन लूना-25 में तकनीकि समस्या आने से उसकी चांद पर लैंडिग सवालों के घेरे में आ गई है। लूना-25 के ऑटोमैटिक ऑनबोर्ड कंप्यूटर पर इमरजेंसी हुई। रोस्कोस्मोस ने कल कहा कि लैंडिंग से पहले कक्षा बदलते समय असामान्य स्थिति के कारण लूना-25 कक्षा ठीक से नहीं बदल सका। विशेषज्ञ लगातार इस पर काम कर रहे हैं।

रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा कि लूना-25 ने चंद्रमा की सतह पर गड्ढों की तस्वीरें पोस्ट की थीं। यह चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध में तीसरा सबसे गहरा गड्ढा है, जिसका व्यास 190 किमी और गहराई 8 किमी है। एजेंसी का कहना है कि लूना-25 से अब तक प्राप्त आंकड़ों से चंद्रमा की मिट्टी में मौजूद रासायनिक तत्वों के बारे में जानकारी मिली है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लूना-25 लैंडर को 11 अगस्त को सुबह 4:40 बजे रूस के वोस्टोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था। लूना-25 को सोयुज 2.1बी रॉकेट से चंद्रमा पर भेजा गया था। इसे लूना-ग्लोब मिशन नाम दिया गया है। रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, जबकि इसका व्यास 10.3 मीटर है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 चंद्रमा की ओर जा रहा है। पांच दिनों तक यह चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। इसके बाद 313 टन का रॉकेट 7 से 10 दिनों तक चंद्रमा की परिक्रमा करेगा।

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