मंदी से जूझ रहा है चीन, बेरोजगारी बढ़ रही है, युवाओं की नींद हुई हराम, बेरोजगारी दर 21.5% के पार

बीजिंग।

मंदी से प्रभावित चीन में बेरोज़गारी से युवाओं में चिंता और अवसाद बढ़ गया है और उनकी रातों की नींद हराम हो गई है जिसे युवा खुद स्वीकार कर रहे हैं।

चीनी लोगों के बीच बेरोजगारी अब एक बड़ी चिंता का विषय बनती जा रही है। अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं युवा गौरतलब है कि चीन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 16 से 24 साल के युवाओं की बेरोजगारी दर बढ़कर 21.5 फीसदी हो गई है। चीन ने अब बेरोजगारी दर के प्रकाशन पर रोक लगा दी है क्योंकि यह आंकड़ा हर महीने बढ़ता जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर युवा अपनी हताशा जाहिर कर रहे हैं। बीजिंग में नौकरी नहीं मिलने पर एक युवती ने कहा, ”अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने कई प्रयास किए लेकिन नौकरी नहीं मिली” इससे दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है। हर जगह बायोडेका भेजने के बाद एक ही जवाब मिलता है कि नौकरी नहीं मिल रही है।

एक अन्य 21 वर्षीय युवक ने कहा कि नौकरी नहीं मिलने से मेरी रातें चिंता में कटती हैं। नौकरी न मिलने पर गुजारा कैसे किया जाए, इसके विचार लगातार आते रहते हैं। नौकरी मिल जाने पर भी बहुत कम वेतन दिया जाता है।

कोरोना के बाद चीनी अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर रही है। चीन में उपभोक्ता मांग कम होने के बाद कंपनियां लोगों को नौकरी पर रखने से कतरा रही हैं।

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